
Up Kiran, Digital Desk: न्यूजीलैंड क्रिकेट से जुड़ी एक बड़ी ख़बर आई है, जिसने कई लोगों को चौंका दिया है। कीवी टीम के पूर्व हेड कोच, गैरी स्टीड, का जाना-पहचाना चेहरा एक बार फिर न्यूजीलैंड क्रिकेट से जुड़ गया है। लेकिन रुकिए, कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट है। वो इस बार टीम के हेड कोच नहीं, बल्कि एक बिलकुल नए और बेहद अहम रोल में नज़र आएंगे - हाई-परफॉरमेंस कोच।
यह सिर्फ एक पद का बदलाव नहीं है, बल्कि यह न्यूजीलैंड क्रिकेट की उस दूर की सोच को दिखाता है, जिसके लिए वह हमेशा से जानी जाती है।
क्या है यह 'हाई-परफॉरमेंस कोच' का नया रोल?
यह पद हेड कोच के पद से बहुत अलग है। इसे आसान भाषा में समझें तो:
गैरी स्टीड अब मुख्य टीम के साथ हर दौरे पर नहीं जाएंगे और न ही मैच के दिन की रणनीति बनाएंगे।
उनका असली काम अब पर्दे के पीछे होगा। उनकी ज़िम्मेदारी होगी देश के घरेलू क्रिकेट के ढांचे को मज़बूत करना, युवा और उभरते हुए खिलाड़ियों की पहचान करना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना।
वह देश के कोने-कोने में मौजूद कोचों के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि जब कोई खिलाड़ी नेशनल टीम में आए, तो वह हर चुनौती के लिए पहले से ही तैयार हो।
वह अब एक कोच से ज़्यादा एक 'मेंटॉर' या 'गुरु' की भूमिका में होंगे, जो सिर्फ 11 खिलाड़ियों के बारे में नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के बारे में सोचेगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
गैरी स्टीड का हेड कोच के तौर पर कार्यकाल काफी सफल रहा। उनकी कोचिंग में न्यूजीलैंड ने पहली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीती और 2019 के वनडे वर्ल्ड कप के उस ऐतिहासिक फाइनल तक का सफर तय किया। लेकिन इस दौरान उन पर दबाव भी बहुत ज़्यादा था और कई बार उनकी रणनीतियों की आलोचना भी हुई।
न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने यह बहुत ही समझदारी वाला फैसला लिया है। उन्होंने स्टीड के बेशकीमती अनुभव को जाया नहीं जाने दिया, लेकिन साथ ही उन्हें उस रोज़-रोज़ के मीडिया दबाव और मैच के नतीजों की चिंता से मुक्त कर दिया। अब स्टीड अपना पूरा ध्यान और अनुभव न्यूजीलैंड क्रिकेट की नींव को मज़बूत करने में लगा सकते हैं।