
भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हुई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ अब ‘एंडरसन‑तेंदुलकर ट्रॉफी’ के नाम से खेली जा रही है। हालाँकि इस निर्णय से भारतीय क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और इंग्लिश तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन का सम्मान हुआ है, लेकिन पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने ट्रॉफी के नामकरण पर आपत्ति जताई है।
गावस्कर ने अपनी स्पोर्टस्टार में प्रकाशित कॉलम में लिखा कि पटौदी ट्रॉफी ने भारत और इंग्लैंड के बीच की ऐतिहासिक क्रिकेट परंपरा को दर्शाया है। चेन्ज बिना किसी व्यापक चर्चा या बीसीसीआई की स्वीकृति के, “इतिहास के प्रति असंवेदनशीलता” को दर्शाता है । उन्होंने यह भी कहा कि सचिन या एंडरसन के नाम पर ट्रॉफी रखना गलत नहीं है, लेकिन पारंपरिक नाम हटाना गलत संदेश देता है ।
पिछले साल ईसीबी और बीसीसीआई ने तय किया कि आगामी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) फाइनल से पहले लॉर्ड्स में इस ट्रॉफी का अनावरण किया जाए । क्रिकेट जगत में इसे एक बड़ा सम्मान माना गया। सचिन को टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन (15,921) बनाने का गौरव हासिल है, वहीं एंडरसन इंग्लैंड के सबसे सफल तेज गेंदबाज हैं, जिनके नाम टेस्ट में 700+ विकेट दर्ज हैं ।
एंडरसन ने इस ट्रॉफी नामांकन को “बहुत बड़ा सम्मान” बताया और कहा कि वे तेंदुलकर को अपने बचपन के आदर्श के रूप में देखते रहे हैं, और इस नाम से उन्हें गर्व महसूस हो रहा है ।
लेकिन गावस्कर का मानना है कि पटौदी ट्रॉफी का नाम हटाकर भारतीय‑इंग्लिश क्रिकेट इतिहास की विरासत को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस निर्णय में पारदर्शिता और पारंपरिक सम्मान की कमी है ।
--Advertisement--