
Up Kiran, Digital Desk: देश की सबसे बड़ी और सबसे पसंदीदा कार कंपनी, मारुति सुजुकी, के लिए अगस्त का महीना कुछ खास अच्छा नहीं रहा। त्योहारों के मौसम की शुरुआत से ठीक पहले, कंपनी की घरेलू बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 8% की गिरावट दर्ज की गई है, जिसने ऑटोमोबाइल बाजार में एक नई बहस छेड़ दी है। यह गिरावट इस ओर इशारा कर रही है कि शायद देश के आम आदमी का कार खरीदने का तरीका बदल रहा है।
आंकड़े क्या कहते हैं?
मारुति सुजुकी ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उनके मुताबिक, कंपनी ने अगस्त 2025 में घरेलू बाजार में कुल [कुल वाहन संख्या] गाड़ियां बेचीं। जबकि पिछले साल इसी महीने (अगस्त 2024) में यह आंकड़ा [पिछले साल का आंकड़ा] था। यह सीधी-सीधी 8% की गिरावट है।
कहां आई सबसे बड़ी गिरावट?
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही है कंपनी की छोटी और कॉम्पैक्ट कारों की घटती मांग।
छोटी कारें (ऑल्टो, एस-प्रेसो): एक समय था जब ये गाड़ियां हर भारतीय परिवार का सपना होती थीं। लेकिन अब इनकी बिक्री में सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
कॉम्पैक्ट कारें (स्विफ्ट, बलेनो, वैगनआर): इस सेगमेंट में भी कंपनी को सुस्ती का सामना करना पड़ा है।
यह ट्रेंड साफ तौर पर दिखा रहा है कि ग्राहक अब शायद एंट्री-लेवल छोटी गाड़ियों की बजाय थोड़े बड़े और ज्यादा फीचर्स वाले वाहनों, खासकर SUVs की तरफ जा रहे हैं।
तो क्या SUVs बचा रही हैं लाज?
जी हां, एक तरफ जहां छोटी गाड़ियों की मांग घटी, वहीं दूसरी ओर मारुति के SUV लाइन-अप (ब्रेजा, ग्रैंड विटारा, फ्रोंक्स) ने अच्छा प्रदर्शन जारी रखा। इससे यह पता चलता है कि मारुति का SUV बाजार पर फोकस करने का फैसला सही था, लेकिन यह छोटी कारों की बिक्री में आई कमी की भरपाई नहीं कर सका।
एक्सपोर्ट में दिखी चमक
घरेलू बाजार में सुस्ती के बावजूद, कंपनी के लिए एक अच्छी खबर एक्सपोर्ट (निर्यात) के मोर्चे से आई, जहां कंपनी ने बढ़ोतरी दर्ज की।
यह गिरावट मारुति के लिए एक चेतावनी की घंटी है। अब सबकी निगाहें आने वाले नवरात्रि और दिवाली के त्योहारों के सीजन पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कंपनी ग्राहकों को वापस अपने शोरूम तक खींचने के लिए कोई नई रणनीति या बड़े डिस्काउंट लेकर आती है या नहीं
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