
Up Kiran,Digitl Desk: बिहार एनडीए में जिस शांति और एकता का दावा कुछ दिन पहले किया जा रहा था, वह अब खोखला साबित होता दिख रहा है। अभी सीट-बंटवारे के ऐलान की स्याही सूखी भी नहीं थी कि गठबंधन के अंदर एक 'महाभारत' शुरू हो गई है। नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने गठबंधन में भूचाल ला दिया है।
जेडीयू ने चिराग पासवान की पार्टी, लोजपा (रामविलास), के खाते में गई 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। यह न सिर्फ गठबंधन धर्म का उल्लंघन है, बल्कि इसे चिराग पासवान के खिलाफ एक सीधी बगावत और खुले चैलेंज के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या है यह पूरा विवाद: अभी कुछ ही दिन पहले दिल्ली में बीजेपी, जेडीयू, लोजपा (आर), आरएलएम और हम के नेताओं ने एक साथ बैठकर 243 सीटों का फॉर्मूला तय किया था। दावा किया गया था कि सब कुछ बेहद "सौहार्दपूर्ण माहौल" में हो गया है। इस फॉर्मूले के तहत चिराग पासवान की पार्टी को 29 सीटें दी गई थीं।
लेकिन अब जेडीयू ने उन्हीं 29 में से 5 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारकर इस 'शांति समझौते' को तार-तार कर दिया है। जेडीयू का यह कदम दिखाता है कि वह अपनी पारंपरिक सीटों को किसी भी कीमत पर छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, चाहे वे सीटें समझौते में किसी और को ही क्यों न दे दी गई हों।
उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब चिराग पासवान नाराज
यह विवाद ठीक उस समय और गहरा गया है जब उपेंद्र कुशवाहा पहले से ही सिर्फ 6 सीटें मिलने से नाराज चल रहे हैं और अमित शाह को उनसे मुलाकात करनी पड़ रही है। अब जेडीयू के इस कदम से चिराग पासवान का नाराज होना स्वाभाविक है, जो अपने आक्रामक तेवरों के लिए जाने जाते हैं।
यह सिर्फ सीटों का टकराव नहीं, बल्कि इसे नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच पुरानी राजनीतिक अदावत और वर्चस्व की लड़ाई के रूप में भी देखा जा रहा ।
अब सबकी नजरें बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व पर टिकी हैं वह इस आग को कैसे बुझाता है। जो चिंगारी उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी से शुरू हुई थी, जेडीयू के इस कदम ने उसे एक बड़े ज्वालामुखी में बदल दिया जो कभी भी फट सकता ।