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Up Kiran, Digital Desk: यह सिर्फ़ शब्दों का खेल नहीं है. यह कहानी सुनाने के सीधे-सरल तरीके, यानी गद्य (prose) से बिल्कुल अलग है. कविता इशारों में बात करती है, लय में चलती है, और हमारे मन में तस्वीरें बनाती है. इसमें हर शब्द को बहुत सोच-समझकर रखा जाता है, ताकि वो हमारे दिल-दिमाग को छू सके और हमें एक अलग ही दुनिया का एहसास कराए.

कविता का संगीत: कविता की सबसे बड़ी ख़ूबसूरती उसकी लय और संगीत है. शब्दों का उतार-चढ़ाव, तुकबंदी और आवाज़ का जादू पढ़ने वाले को एक अलग ही अनुभव देता है. भले ही आज की आधुनिक कविताओं में पहले जैसी तुकबंदी न हो, फिर भी उनमें भाषा का एक अपना कुदरती संगीत होता है. यही लय कविता के मतलब को और भी गहरा बना देती है और तय करती है कि कौन-सी लाइन हमारे दिल पर कितना असर डालेगी.

शब्दों से बनी तस्वीरें: कविता की एक और बड़ी ताकत है शब्दों से हमारे मन में चित्र बनाना. कवि अक्सर उपमाओं, रूपकों और प्रतीकों का सहारा लेते हैं ताकि पढ़ने वाले के दिमाग में एक जीती-जागती तस्वीर बन सके. ये तस्वीरें सिर्फ़ सीधी-सादी नहीं होतीं, इनके कई गहरे मतलब निकलते हैं. जैसे, गुज़रते हुए मौसम की एक तस्वीर सिर्फ़ प्रकृति की बात नहीं करती, बल्कि समय, बदलाव और किसी के बिछड़ जाने के एहसास को भी बयां कर सकती है.

गागर में सागर भरना: कविता की एक और ख़ासियत है - गागर में सागर भरना. जहाँ गद्य किसी बात को फैलाकर समझाता है, वहीं कविता बड़ी-से-बड़ी बात या गहरे-से-गहरे एहसास को कुछ ही लाइनों में समेट लेती है. इसी वजह से कविता इतनी असरदार होती है, क्योंकि इसमें हर एक शब्द की अपनी कीमत होती है और उसे अपनी जगह बनानी पड़ती है.

सिर्फ़ कागज़ पर नहीं, हमारी संस्कृति का हिस्सा

कविता सिर्फ़ किताबों तक ही सीमित नहीं है, यह हमारी संस्कृति का एक अहम हिस्सा रही है. पुराने ज़माने में कविताएं रस्मों में गाई जाती थीं, गीतों में सुनाई जाती थीं और लिखे जाने से पहले एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज़ुबानी पहुँचती थीं. वे इतिहास को ज़िंदा रखती हैं, समाज की सोच को दिखाती हैं और लोगों के सुख-दुख को आवाज़ देती हैं. आज भी कविता का रूप बदल रहा है; यह स्टेज पर 'स्पोकन वर्ड' के रूप में, डिजिटल मीडिया पर और कभी-कभी तो आंदोलनों के नारे के रूप में भी हमारे सामने आती है.

आखिर में, कविता सिर्फ़ कागज़ पर लिखे शब्द नहीं है, यह एक न्योता है. यह हमें रुकने, सोचने और भाषा को सिर्फ़ पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि महसूस करने का मौका देती है. यह हमें सिखाती है कि शब्द सिर्फ़ कुछ कहते नहीं, बल्कि हमारे अंदर गूंजते भी हैं. चाहे वह हमें हिम्मत दे, रुलाए, सोचने पर मजबूर करे या खुशी मनाए, कविता हमें समय और संस्कृतियों से परे, शब्दों की ताकत के ज़रिए एक-दूसरे से जोड़ती है.