Up Kiran, Digital Desk: हर दूसरा इंसान इसे महसूस करता है। रात भर अच्छी नींद ली फिर भी जैसे ही आंख खुलती है गले में अजीब सी खराश और सूखापन। ज्यादातर लोग एक गिलास पानी पीकर टाल देते हैं और दिन शुरू कर देते हैं। लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि अगर ये रोज की आदत बन जाए तो इसे हल्के में लेना ठीक नहीं। ये शरीर का चुपके से दिया हुआ अलार्म हो सकता है।
रात भर गला सूखता क्यों है?
जब हम सोते हैं तो शरीर रेस्ट मोड में चला जाता है लेकिन सांस तो चलती ही रहती है। इसी दौरान कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो गले की नरम परत से नमी चुपचाप चुरा लेती हैं। सुबह उठो तो गला रेगिस्तान सा लगने लगता है।
ये हैं सबसे आम पांच वजहें:
- मुंह खोलकर सांस लेना नाक बंद हो जाए सर्दी हो एलर्जी हो या फिर पुरानी आदत हो सोते समय हम मुंह से सांस लेने लगते हैं। ठंडी हवा सीधे गले पर टकराती है और सारी नमी सोख लेती है। नतीजा सुबह गला पूरी तरह ड्राई।
- कमरे की हवा का सूखा होना सर्दी में हीटर चलाओ या गर्मी में एसी पूरे रात ठोकते रहो हवा से नमी गायब हो जाती है। ये ड्राई एयर गले की कोमल त्वचा को चुपके से सुखा देती है। कई लोगों को तो लगता है कि बस एसी की वजह से गला खराब हुआ है।
- दिन भर पानी कम पीने की आदत शरीर में अगर पानी की कमी रहेगी तो रात में लार कम बनेगी। लार कम मतलब गला अपने आप सूखेगा। सुबह उठते ही जीभ तालू से चिपकी हुई लगती है और पानी पीने की तलब बहुत तेज होती है।
- रात में पेट का तेजाब गले तक आना डिनर देर से किया हो तला भारी खाना खाया हो या लेटकर तुरंत सो गए हों तो पेट का एसिड ऊपर की तरफ चला आता है। ये गले में हल्की जलन पैदा करता है और नमी को खत्म कर देता है। कई लोग इसे गले की खराश समझते रहते हैं।
- खर्राटे या स्लीप एपनिया जो लोग तेज खर्राटे लेते हैं उनकी सांस का दबाव बहुत तेज होता है। ये तेज हवा गले की परत को लगातार सुखाती रहती है। ऐसे लोगों की सुबह की पहली शिकायत यही होती है कि गला पूरी तरह बैठ गया और आवाज भारी हो गई।
कब समझें कि अब डॉक्टर के पास जाना जरूरी है?
अगर सिर्फ कभी कभार ऐसा हो तो ठीक है। लेकिन रोज सुबह ऐसा हो और ये लक्षण भी साथ दिखें तो देर न करें:
- आवाज कई दिनों तक बैठी रहना
- गले में लगातार दर्द या जलन
- कुछ निगलने में तकलीफ होना
- नाक हमेशा बंद रहना
- रात में बीच बीच में सांस रुकने का अहसास
ये स्लीप एपनिया डायबिटीज थायरॉइड या किसी गंभीर एलर्जी के संकेत हो सकते हैं।
घर पर क्या करें फायदा होगा?
छोटी छोटी आदतें बदलने से ये परेशानी 80 फीसदी तक कम हो सकती है:
- सोने से पहले नाक अच्छे से साफ करें नमक पानी की भाप लें
- दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी जरूर पिएं
- कमरे में ह्यूमिडिफायर रखें या पानी का कटोरा रख दें
- रात का खाना हल्का और जल्दी खाएं खासकर तीखा तला हुआ बिल्कुल अवॉइड करें
- अगर खर्राटे बहुत तेज हैं तो एक बार स्लीप स्पेशलिस्ट से जरूर मिलें
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