
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही ब्रिटेन और मालदीव के चार दिवसीय दौरे पर रवाना होंगे। यह यात्रा कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पीएम मोदी की इस यात्रा में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, निवेश बढ़ाने, और रक्षा-सुरक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
ब्रिटेन दौरे का महत्व:
पीएम मोदी पहले ब्रिटेन जाएंगे, जहां वे ब्रिटिश प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर समझौते हो सकते हैं। इसके अलावा प्रवासी भारतीय समुदाय को भी संबोधित करने की योजना है, जो यूके में बड़ी संख्या में मौजूद है।
ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। इस दौरे के दौरान इस समझौते पर अहम प्रगति की उम्मीद की जा रही है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।
मालदीव दौरे की अहमियत:
ब्रिटेन के बाद पीएम मोदी मालदीव की यात्रा करेंगे। मालदीव हिंद महासागर में भारत का रणनीतिक साझेदार है। हाल ही में मालदीव और चीन के रिश्तों में बढ़ती निकटता के चलते यह दौरा और भी अहम हो गया है।
पीएम मोदी मालदीव में नई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और भारत द्वारा दिए गए सहयोग की समीक्षा करेंगे। साथ ही, रक्षा और समुद्री सुरक्षा को लेकर भी महत्वपूर्ण बातचीत होगी।
क्यों है यह दौरा खास?
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया में बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच भारत अपनी भूमिका को और मजबूत करना चाहता है। ब्रिटेन और मालदीव, दोनों देशों के साथ भारत के रिश्ते रणनीतिक रूप से बेहद जरूरी हैं।
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