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Up Kiran, Digital Desk: सनातन धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले, चाहे वह विवाह हो, गृह प्रवेश हो, नया व्यवसाय हो या कोई महत्वपूर्ण यात्रा, पंचांग देखना एक अत्यंत महत्वपूर्ण परंपरा है। पंचांग, जो कि पाँच मुख्य अंगों – तिथि, नक्षत्र, योग, करण और वार (दिन) से मिलकर बना है, हमें दैनिक ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति, शुभ और अशुभ मुहूर्तों, और खगोलीय गणनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यह हमें सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद करता है, जिससे हमारे कार्यों में सफलता और जीवन में सकारात्मकता आती है। आज, 31 जुलाई 2025, गुरुवार का दिन है, जो देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु को समर्पित है। आइए, जानते हैं आज का विस्तृत पंचांग, जिसमें आपकी सफलता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण ज्योतिषीय योग और समय छिपे हैं।

31 जुलाई 2025 का पंचांग विवरण (Aaj Ka Panchang 31 July 2025):

दिनांक (Date): 31 जुलाई 2025 (Thursday, July 31, 2025)

दिन (Day): गुरुवार (Thursday)

मास (Month): श्रावण मास (Shravan Maas / Sawan Month)

पक्ष (Paksha): कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha)

तिथि (Tithi): दशमी (Dashami Tithi)

आज दशमी तिथि शाम 05:40 बजे तक रहेगी। इसके बाद एकादशी तिथि का आरंभ होगा। दशमी तिथि के स्वामी धर्मराज हैं, और इस तिथि में धार्मिक कार्य, व्रत-पूजा, और दान-पुण्य करना विशेष फलदायी माना जाता है। यह तिथि स्थिरता और पूर्णता प्रदान करती है।

नक्षत्र (Nakshatra): भरणी (Bharani Nakshatra)

भरणी नक्षत्र आज रात 09:15 बजे तक रहेगा। इसके बाद कृत्तिका नक्षत्र का प्रभाव रहेगा। भरणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव हैं, और यह नक्षत्र कला, सौंदर्य, रचनात्मकता, और महत्वाकांक्षा के लिए शुभ माना जाता है। इस नक्षत्र में आरंभ किए गए कार्य अक्सर सफल होते हैं।

योग (Yoga): प्रीति योग (Priti Yoga)

प्रीति योग आज रात 10:30 बजे तक रहेगा, उसके बाद आयुष्मान योग का आगमन होगा। प्रीति योग मित्रता, प्रेम, सद्भाव और संबंधों को मजबूत करने के लिए उत्तम माना जाता है। इस योग में किए गए कार्य सौहार्दपूर्ण परिणाम देते हैं।

करण (Karana): वणिज (Vanij) और विष्टि (Vishti / Bhadra)

आज सुबह 06:10 बजे तक वणिज करण रहेगा, उसके बाद विष्टि (भद्रा) करण शाम 05:40 बजे तक रहेगा। विष्टि करण को भद्रा के नाम से भी जाना जाता है, और इसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या नई शुरुआत से बचना चाहिए। शाम 05:40 के बाद बव करण का प्रभाव रहेगा, जो शुभ है।

सूर्य राशि (Sun Sign): कर्क (Cancer)

चंद्र राशि (Moon Sign): मेष (Aries)

सूर्य-चंद्र की स्थिति: सूर्य कर्क राशि में होंगे, जबकि चंद्रमा मेष राशि में संचार करेंगे।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय (Sunrise and Sunset Time):

सूर्योदय (Sunrise): सुबह 05:50 बजे

सूर्यास्त (Sunset): शाम 07:05 बजे

चंद्रोदय और चंद्रास्त का समय (Moonrise and Moonset Time):

चंद्रोदय (Moonrise): देर रात 01:20 बजे (अगले दिन, 01 अगस्त 2025)

चंद्रास्त (Moonset): दोपहर 02:45 बजे

आज के शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings / Shubh Muhurat Today):

शुभ मुहूर्त वह समय होता है जब ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति किसी कार्य के लिए सर्वाधिक अनुकूल होती है, जिससे सफलता की संभावना बढ़ जाती है।

अभिजीत मुहूर्त (Abhijit Muhurat):

दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक

यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है। किसी भी नए कार्य को आरंभ करने, महत्वपूर्ण निर्णय लेने, या शुभ यात्रा पर निकलने के लिए यह समय अत्यंत लाभकारी होता है।

गोधूलि मुहूर्त (Godhuli Muhurat):

शाम 06:45 बजे से शाम 07:15 बजे तक

संध्याकाल का यह मुहूर्त पूजा-पाठ, ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम होता है। इसे लक्ष्मी पूजा और संध्या वंदन के लिए विशेष माना जाता है।

ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurat):

सुबह 04:20 बजे से सुबह 05:05 बजे तक

यह आध्यात्मिक साधना, ध्यान, योग, और पढ़ाई के लिए सर्वोत्तम समय है। इस समय की गई प्रार्थनाएं और शुभ कार्य विशेष फल देते हैं।

अमृत काल (Amrit Kaal):

रात 08:30 बजे से रात 10:00 बजे तक

यह भी एक शुभ समय है जिसमें धार्मिक कार्य, मंत्र जाप और आध्यात्मिक अनुष्ठान किए जा सकते हैं।

विजय मुहूर्त (Vijay Muhurat):

दोपहर 02:40 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक

विवादों में विजय, कानूनी मामलों और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए यह मुहूर्त शुभ माना जाता है।

आज की चौघड़िया (Choghadiya for 31 July 2025):

चौघड़िया यात्रा और शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती है।

दिन की चौघड़िया (Din Ki Choghadiya): चर (सामान्य): सुबह 05:50 बजे से सुबह 07:25 बजे तक

लाभ (शुभ): सुबह 07:25 बजे से सुबह 09:00 बजे तक

अमृत (उत्तम): सुबह 09:00 बजे से सुबह 10:30 बजे तक

काल (अशुभ): सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक

शुभ (उत्तम): दोपहर 12:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक

रोग (अशुभ): दोपहर 01:40 बजे से दोपहर 03:15 बजे तक

उद्वेग (अशुभ): दोपहर 03:15 बजे से शाम 04:50 बजे तक

चर (सामान्य): शाम 04:50 बजे से शाम 07:05 बजे तक

रात की चौघड़िया (Raat Ki Choghadiya):

रोग (अशुभ): शाम 07:05 बजे से रात 08:30 बजे तक

काल (अशुभ): रात 08:30 बजे से रात 10:00 बजे तक

लाभ (शुभ): रात 10:00 बजे से रात 11:30 बजे तक

उद्वेग (अशुभ): रात 11:30 बजे से देर रात 01:05 बजे तक

शुभ (उत्तम): देर रात 01:05 बजे से देर रात 02:40 बजे तक (अगले दिन)

अमृत (उत्तम): देर रात 02:40 बजे से सुबह 04:15 बजे तक (अगले दिन)

चर (सामान्य): सुबह 04:15 बजे से सुबह 05:50 बजे तक (अगले दिन)

आज के अशुभ मुहूर्त (Inauspicious Timings / Ashubh Muhurat Today):

इन मुहूर्तों में किसी भी महत्वपूर्ण या शुभ कार्य को आरंभ करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये बाधाएं उत्पन्न कर सकते हैं।

राहुकाल (Rahu Kaal):

दोपहर 01:30 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक राहुकाल के दौरान किसी भी नए कार्य, यात्रा, या महत्वपूर्ण सौदे से बचना चाहिए। यह समय राहु ग्रह के प्रभाव में होता है, जिससे कार्यों में रुकावटें आ सकती हैं।

गुलिक काल (Gulika Kaal):

सुबह 09:00 बजे से सुबह 10:30 बजे तक

यमगंड (Yamaganda):

सुबह 06:00 बजे से सुबह 07:30 बजे तक

दुर्मुहूर्त (Dur Muhurat):

सुबह 10:10 बजे से सुबह 11:00 बजे तक

दोपहर 03:30 बजे से शाम 04:20 बजे तक

दिशा शूल (Disha Shool): आज गुरुवार है, इसलिए आज के दिन दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि बहुत आवश्यक हो तो दही या तिल खाकर यात्रा पर निकलें, इससे दिशा शूल का प्रभाव कम होता है।

गुरुवार का विशेष महत्व (Special Significance of Thursday):

आज गुरुवार होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यह दिन देवगुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, समृद्धि, विवाह, संतान और भाग्य का कारक माना जाता है।

गुरुवार व्रत (Guruwar Vrat): इस दिन गुरुवार का व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से अविवाहितों के विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं, वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है, और संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण होती है।

विष्णु पूजा (Vishnu Puja): भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख-समृद्धि, धन-धान्य और शांति की प्राप्ति होती है।

पीली वस्तुओं का दान: गुरुवार के दिन पीले रंग की वस्तुओं जैसे चने की दाल, हल्दी, केले, या पीले वस्त्र का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है और भाग्य चमकता है।

करियर और शिक्षा: करियर में सफलता और शिक्षा में उन्नति के लिए भी गुरुवार का दिन और बृहस्पति का पूजन विशेष फलदायी होता है।

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