img

Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण कोरिया की राजनीति में उथल-पुथल का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल द्वारा देश पर मार्शल लॉ (सैन्य शासन) लगाने की नाकाम कोशिश का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। इस बार जांच की आंच पूर्व प्रधानमंत्री हान डक-सू तक पहुंच गई है, जिनकी गिरफ्तारी पर बुधवार को सियोल की एक अदालत में सुनवाई हुई।

यह मामला उस बड़े राजनीतिक संकट का हिस्सा है, जिसने देश को हिलाकर रख दिया है। विशेष जांच टीम ने पूर्व पीएम हान पर विद्रोह के सरगना की मदद करने, सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी और उन्हें नष्ट करने, तथा झूठी गवाही देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।

कोर्ट में चुप रहे पूर्व प्रधानमंत्री

बुधवार दोपहर को जब हान डक-सू सुनवाई के लिए सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचे, तो पत्रकारों ने उन्हें सवालों से घेर लिया, लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब दिए बिना सीधे कोर्ट बिल्डिंग में प्रवेश किया। अब सभी की नजरें अदालत के फैसले पर टिकी हैं, जो देर रात तक आ सकता है।

अगर अदालत गिरफ्तारी का वारंट जारी कर देती है, तो हान डक-सू पूर्व राष्ट्रपति यून के मंत्रिमंडल के तीसरे सदस्य होंगे जिन्हें इस मार्शल लॉ मामले में गिरफ्तार किया जाएगा। इससे पहले पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून और पूर्व गृह मंत्री ली संग-मिन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

क्या हैं हान डक-सू पर आरोप?

जांच टीम का आरोप है कि हान ने मार्शल लॉ की घोषणा से ठीक पहले कैबिनेट की बैठक का प्रस्ताव देकर पूर्व राष्ट्रपति यून की मदद की थी। उन पर यह भी संदेह है कि उन्होंने मार्शल लॉ को जायज ठहराने के लिए एक संशोधित घोषणा का मसौदा तैयार किया और बाद में उसे नष्ट कर दिया। इसके अलावा, उन पर संवैधानिक न्यायालय और नेशनल असेंबली में झूठी शपथ लेकर यह कहने का भी आरोप है कि उन्हें मार्शल लॉ की घोषणा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

अब पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी की बारी

इस बीच, एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। पूर्व प्रथम महिला किम कोन ही के खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार की जांच में विशेष टीम ने कहा है कि वह 29 अगस्त को उन्हें हिरासत में लेकर ही दोषी ठहराने की योजना बना रही है।

--Advertisement--