मूवी पठान के बेशरम रंग सॉन्ग ने काफी बवाल काटा है। उसके बाद कई लोगों के मन में भगवा रंग को लेकर एक सवाल उठा है। साधु, सन्यासी भगवा रंग के कपड़े क्यों पहनते हैं?
रंग का क्या मतलब है
सनातन धर्म में ऋषियों, मुनियों, साधुओं का बहुत महत्व है। अब ये लोग हमेशा भगवा कलर के कपड़े क्यों पहनते हैं। शास्त्रों के मुताबिक इस रंग का क्या अर्थ है? शास्त्रों के अनुसार केसरिया, नारंगी या गेरुए रंग को त्याग का प्रतीक माना जाता है। साथ ही इस रंग को जीवन में नई रोशनी के रूप में देखा जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य की किरणें भी केसरिया रंग की होती हैं जो जीवन में एक नया सवेरा लाती हैं।
शास्त्र क्या कहते हैं?
शास्त्रों के मुताबिक हमारे शरीर में सात चक्र होते हैं। आज्ञा चक्र का कलर केसरिया है। आज्ञा चक्र को आत्मज्ञान का प्रतीक माना जाता है। इसलिए आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले लोग इस कलर के कपड़े पहनते हैं। इसके अलावा एक वजह और भी सामने आई है। ऐसे कपड़े पहनने वाले लोगों को समाज एक अलग ही नजर से देखता है। समाज के लोग इसी रंग से समझते हैं कि उनसे कैसा व्यवहार करना है और कैसे बात करनी है।
नोट- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी पर आधारित है। हम कोई गारंटी नहीं देते है। हमारा मकसद सिर्फ आपको सूचित करना है।)
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