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Hindu Mythology: धार्मिक ग्रंथों में किन्नरों की शादी की परंपरा का विस्तृत वर्णन है, जिसमें कहा गया है कि किन्नर केवल एक दिन के लिए शादी करते हैं, जो कि महाभारत काल से चली आ रही है। इस परंपरा का आधार महाभारत की एक कहानी है, जिसमें अर्जुन के पुत्र इरावन ने बलि दिए जाने से पहले विवाह करने की शर्त रखी थी।

भगवान श्री कृष्ण ने इरावन के साथ विवाह करने के लिए मोहिनी का रूप धारण किया। विवाह के अगले दिन इरावन की बलि दी गई, और इस घटना के बाद से किन्नर इरावन को अपना भगवान मानते हैं। वे हर साल एक रात के लिए इरावन से विवाह करते हैं और अगले दिन शोक मनाते हैं।

तमिलनाडु के कूवगम में हर साल किन्नरों का विवाह उत्सव मनाया जाता है, जो तमिल नववर्ष की पहली पूर्णिमा से 18 दिनों तक चलता है। इस उत्सव के 17वें दिन किन्नरों की शादी होती है। वे दुल्हन की तरह सजती हैं और किन्नर पुजारी उन्हें मंगलसूत्र पहनाते हैं। शादी के बाद इरावन की मूर्ति को पूरे शहर में घुमाया जाता है और अंत में उसे तोड़ दिया जाता है, जिसके बाद किन्नर विधवाओं की तरह विलाप करते हैं।

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