Up Kiran, Digital Desk: आज के दौर में सोशल मीडिया (Social Media) नेताओं और पार्टियों के लिए एक सबसे बड़ा हथियार बन गया है। ऐसे में अगर किसी बड़े नेता का सोशल मीडिया अकाउंट अचानक बंद हो जाए, तो सवाल उठना लाज़मी है। उत्तर प्रदेश की राजनीति से एक ऐसी ही बड़ी ख़बर सामने आई है। समाजवादी पार्टी (SP) के मुखिया और प्रमुख नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का फेसबुक पेज (Facebook Page) लगभग 16 घंटों तक 'ब्लैकआउट' (Blackout) रहा, यानी वह जनता को दिखाई नहीं दिया।
समाजवादी पार्टी ने बताया ‘साजिश: इस डिजिटल ब्रेक के तुरंत बाद, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने ज़ोरदार तरीके से विरोध दर्ज कराया है। पार्टी का स्पष्ट आरोप है कि इस 'ब्लैकआउट' के पीछे एक राजनीतिक साजिश (Conspiracy) है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विपक्ष की आवाज़ को दबाने के लिए जानबूझकर ऐसे 'तकनीकी अड़चन' डाली जा रही हैं, खासकर ऐसे समय में जब चुनावी तैयारियां ज़ोरों पर हैं।
पार्टी का कहना है कि:
विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश: सोशल मीडिया, अखिलेश यादव के विचारों और पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुँचाने का मुख्य माध्यम है। इसे इस तरह से ब्लॉक कर देना लोकतंत्र (Democracy) के स्वस्थ सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है।
टेक कंपनियों से मांग: पार्टी ने मांग की है कि फेसबुक (Facebook) जैसे प्लेटफ़ॉर्म तुरंत इस तकनीकी गलती के कारणों को स्पष्ट करें और साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) की जिम्मेदारी लें।
ब्लैकआउट क्यों है इतना अहम: किसी भी चुनाव से पहले सोशल मीडिया एक सबसे ताकतवर जनसंपर्क और प्रचार का मंच होता है। अखिलेश यादव की बड़ी फैन फॉलोइंग (Fan Following) होने की वजह से, 16 घंटे तक उनका पेज बंद रहने से करोड़ों लोगों तक पार्टी का कोई संदेश नहीं पहुँच पाया होगा। इससे सियासी नुकसान होने का अंदेशा पार्टी को है।
फिलहाल अखिलेश यादव का फेसबुक पेज तो वापस आ गया है, लेकिन समाजवादी पार्टी ने अपनी आवाज़ को बंद करने की इस घटना पर पूरी तरह से जांच कराने की मांग की है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएँ दुबारा न हों। यह पूरी घटना दिखाती है कि अब भारत की राजनीति में साइबरस्पेस भी जंग का एक बड़ा मैदान बन चुका है।
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