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Up Kiran, Digital Desk: ऑपरेशन सिंदूर के महीनों बाद, भारत और पाकिस्तान एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में आमने-सामने हो सकते हैं। यह मुकाबला न्यूयॉर्क में होने वाले UNGA के 80वें सत्र में होगा, जहाँ दोनों देश के नेता एक ही दिन वैश्विक नेताओं को संबोधित करेंगे।

कब होगा यह 'टकराव'?

प्रारंभिक कार्यक्रम के अनुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों के नेताओं से 26 सितंबर को UNGA को संबोधित करने की उम्मीद है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी एक उच्च-स्तरीय टीम के साथ इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जिसमें उप-प्रधानमंत्री इशाक डार भी शामिल होंगे।

कौन बोलेगा पहले? भारत या पाकिस्तान?

'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, यह माना जा रहा है कि भारतीय नेता सुबह संबोधित करेंगे, जबकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का संबोधन शाम को होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पाकिस्तान भारत के बाद मंच पर आता है, तो उसे एक "रणनीतिक बढ़त" (strategic edge) मिल सकती है।

क्या यह मुलाकात होगी?

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं अमेरिका जाकर UNGA में भाग लेंगे या नहीं। सूत्रों ने पहले 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया था कि पीएम मोदी की यात्रा अभी तय नहीं हुई है।

UNGA में 'दृष्टिकोणों का अंतर' उजागर होगा!

रिपोर्ट के अनुसार, UNGA में यह प्रतीकात्मक टकराव (symbolic face-off) दोनों देशों के "दृष्टिकोणों में भारी अंतर" को रेखांकित करेगा। पाकिस्तान अक्सर UNGA के मंच का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने और भारत के अनुच्छेद 370 निरस्त करने के फैसले की आलोचना करने के लिए करता रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने UNGA में स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य और अभिन्न अंग है, और अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 का निरस्त करना एकीकरण बढ़ाने के लिए एक कानूनी और संवैधानिक कदम था।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद की कूटनीति:

बता दें कि मई में, 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय तीव्र सैन्य संघर्ष हुआ था। युद्धविराम के बाद, भारत ने पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करने के लिए कई कूटनीतिक अभियान शुरू किए थे। इस्लामाबाद ने भी अपनी जवाबी कार्रवाई की थी।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता:

जुलाई में, अमेरिका ने 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया था, जो अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार था, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। भारत ने इस कदम का स्वागत करते हुए इसे "भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी अभियान की एक मजबूत पुष्टि" बताया था। TRF पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का एक ऑफशूट है।

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