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Up Kiran, Digital Desk: नेपाल में गहरे राजनीतिक संकट के बीच, प्रधानमंत्री केपी ओली ने इस्तीफा दे दिया है, जिसे राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने स्वीकार कर लिया है। इसके बाद देश में उत्पन्न हालात और भी तनावपूर्ण हो गए हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या नेपाल की सेना को सत्ता की बागडोर अपने हाथ में लेनी पड़ेगी?
सेना की भूमिका और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की प्रक्रिया
नेपाली सेना ने पहले ही प्रधानमंत्री केपी ओली से सत्ता छोड़ने की अपील की थी। सेना का कहना था कि प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने से हालात और बिगड़ सकते हैं और स्थिति को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा। इस पर ओली ने सेना से मदद की अपील करते हुए स्थिति को संभालने का अनुरोध किया था। सेना के प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल से भी इस मुद्दे पर बातचीत की गई थी, जिसमें उन्होंने सरकार की मदद करने का आश्वासन दिया था।
पीएम ओली का विदेश जाने का इरादा
इस्तीफे के बाद, खबरें आ रही हैं कि पीएम ओली अब दुबई जाने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले, नेपाल में अचानक बिगड़े हालात के बीच सोमवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के आवास पर हमला किया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के घर में जमकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इसके अलावा, संसद भवन को भी आग के हवाले कर दिया गया।
मंत्री और पार्टी कार्यालयों पर कब्जा
नेपाल में हिंसा का आलम यह था कि करीब पांच मंत्री अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इस बीच, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यालय को भी प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया। वही, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल 'प्रचंड' के निवास पर भी प्रदर्शनकारियों ने हमला कर आग लगा दी। इन घटनाओं से यह साफ हो गया कि जनता सरकार के खिलाफ गुस्से में है और अब किसी भी तरह की शांति की संभावना दूर नजर आ रही है।
पीएम की अपील
इन उग्र घटनाओं के बीच, प्रधानमंत्री केपी ओली ने देशवासियों से शांतिपूर्ण रहने की अपील की। उन्होंने एक संदेश में कहा कि वह देश की स्थिति का गंभीरता से आकलन कर रहे हैं और जल्द ही राजनीतिक दलों के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि वे शांत रहें और हिंसा से बचें, क्योंकि हिंसा देश के लिए हानिकारक है।
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