img

Up Kiran, Digital Desk: बुधवार को उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में कांग्रेस के चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने राज्य की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह उत्तराखंड के हितों की अनदेखी कर रही है, और राज्य में भ्रष्टाचार, भू-माफिया और अवैध खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका कहना था कि राज्य की ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अभी भी बहुत खराब है, जिससे स्थानीय लोगों को बुनियादी जरूरतों की पूर्ति में मुश्किलें आ रही हैं।

शिक्षा और स्वास्थ्य की हालत पर गंभीर सवाल

प्रीतम सिंह ने विधानसभा में कहा कि आज भी उत्तराखंड के कई दूरदराज इलाकों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर बेहद नीचा है। पर्वतीय क्षेत्रों में विकास की योजनाएं सही तरीके से लागू नहीं हो पा रही हैं, और पलायन आयोग की रिपोर्ट भी इस पर सवाल उठाती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति रही, तो राज्य के ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोग और अधिक परेशान होंगे और पलायन की दर और बढ़ सकती है।

भ्रष्टाचार और अवैध खनन पर सरकार की चुप्पी

विधायक ने यह भी कहा कि राज्य में अवैध खनन और भू-माफिया के कामकाज को बढ़ावा मिल रहा है, और इस मामले में सरकार की कार्रवाई पूरी तरह से नाकाम रही है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर गदरपुर विधायक द्वारा उठाए गए अवैध खनन के मुद्दे का हवाला दिया और पूछा कि सरकार इसे क्यों नहीं रोक पा रही है। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों पर भी चिंता जताई।

प्रीतम सिंह का आरोप: कांग्रेस ने राज्य निर्माण के समय पूरा समर्थन दिया था

कांग्रेस विधायक ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने राज्य निर्माण के लिए हमेशा सकारात्मक समर्थन दिया। उनका कहना था कि राज्य सभा में कांग्रेस ने उत्तराखंड के गठन के लिए प्रस्ताव का समर्थन किया था, जबकि भाजपा के पास उस समय बहुमत नहीं था। यह बयान भाजपा विधायक दिलीप सिंह रावत के आरोपों के जवाब में था, जिन्होंने कहा था कि कांग्रेस राज्य आंदोलन में साथ नहीं थी।

नमामि गंगे योजना का असली असर दिखाने की जरूरत

प्रीतम सिंह ने गंगा की सफाई के लिए चलाए जा रहे "नमामि गंगे" अभियान की भी आलोचना की। उनका कहना था कि गंगा नदी की हालत अब भी खतरनाक है और हरिद्वार में हर की पैड़ी पर जल का स्तर इतना गंदा हो चुका है कि उसे आचमन के लिए भी उपयोग नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस दिशा में सरकार की ओर से किए गए प्रयासों को अपर्याप्त बताया और कहा कि गंगा की सफाई के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए।

भूमि कानून और डेमोग्राफिक बदलाव पर सवाल

प्रीतम सिंह ने राज्य सरकार द्वारा भूमि खरीदने की सीमा को हटाने के फैसले पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि इससे राज्य में डेमोग्राफिक बदलाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, और यह उत्तराखंड के मूल निवासियों के हितों के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर अधिक ध्यान देने की अपील की और कहा कि केंद्र और राज्य को विदेशी नागरिकों के भूमि खरीदने पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।