
Up Kiran, Digital Desk: विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश के खूबसूरत तटीय शहर में, सोने की कीमतों ने एक बार फिर निवेशकों और आम खरीदारों, दोनों को चौंका दिया है. 6 अगस्त 2025 को, शहर में सोने के दाम (Gold Rate Visakhapatnam Today) में उल्लेखनीय वृद्धि (Gold Price Hike) दर्ज की गई है, जिसने त्योहारों और शादी-ब्याह के मौसम से पहले खरीदारी करने वालों की चिंता बढ़ा दी है. सोना, जो भारतीय संस्कृति में शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, न केवल एक आभूषण है बल्कि संकट के समय में एक सुरक्षित निवेश (Safe Investment) भी है. आइए जानते हैं विशाखापट्टनम में आज सोने का क्या भाव है और किन कारकों के कारण इसमें यह तेजी आई है.
विशाखापट्टनम में आज का सोने का भाव (6 अगस्त 2025): जानिए नई कीमतें!
विशाखापट्टनम के सराफा बाजार (Visakhapatnam Bullion Market) से मिली जानकारी के अनुसार, 6 अगस्त 2025 को सोने की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है
24 कैरेट सोने का भाव (24 Carat Gold Rate): आज 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,02,330 रुपये है, जिसमें ₹110 की वृद्धि हुई है. वहीं, 1 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव ₹10,233 रुपये रहा.[2][3]
22 कैरेट सोने का भाव (22 Carat Gold Rate): आज 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत ₹93,800 रुपये है, जिसमें ₹100 की बढ़ोतरी हुई है. 1 ग्राम 22 कैरेट सोने का भाव ₹9,380 रुपये रहा.[2][3]
यह उछाल उन लोगों के लिए चिंता का विषय है जो त्योहारों जैसे धनतेरस और दिवाली, या आगामी विवाह समारोहों के लिए सोने की खरीदारी की योजना बना रहे हैं. हालांकि, निवेशकों के लिए यह सोने को एक मजबूत निवेश विकल्प के रूप में भी दर्शाता है.
सोने की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं? जानिए वे 7 बड़े कारण जो कर रहे हैं प्रभावित!
सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव (Gold Price Fluctuations) कई वैश्विक और घरेलू कारकों (Factors Affecting Gold Prices) से प्रभावित होता है. विशाखापट्टनम में भी सोने का भाव इन्हीं व्यापक आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रवृत्तियों का परिणाम है
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता (Global Economic Uncertainty): जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी या अस्थिरता का माहौल होता है, तो निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख करते हैं. इससे सोने की मांग बढ़ती है और कीमतें बढ़ जाती हैं.
मुद्रास्फीति (Inflation): सोना अक्सर मुद्रास्फीति (महंगाई) के खिलाफ एक बचाव के रूप में देखा जाता है. जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो कागजी मुद्रा का मूल्य घटता है, जिससे लोग अपनी क्रय शक्ति (Purchasing Power) को बनाए रखने के लिए सोने में निवेश करते हैं
अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना (Weakening US Dollar): अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का व्यापार डॉलर में होता है. जब अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है, तो अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सोना खरीदना सस्ता हो जाता है, जिससे वैश्विक मांग बढ़ती है और सोने की कीमतें ऊपर जाती हैं.
केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद (Central Bank Gold Reserves): कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) को मजबूत करने के लिए सोने की खरीद करते हैं. केंद्रीय बैंकों द्वारा बढ़ती मांग भी सोने की कीमतों को बढ़ावा देती है
भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions): युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता या अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव जैसे भू-राजनीतिक कारक अक्सर निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर धकेलते हैं, और सोना उनमें से एक प्रमुख विकल्प है.
मांग और आपूर्ति (Demand and Supply): किसी भी वस्तु की तरह, सोने की कीमत भी उसकी मांग और आपूर्ति के संतुलन पर निर्भर करती है. भारत में त्योहारों और शादियों के मौसम में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं.
ब्याज दरें (Interest Rates): ब्याज दरों में बदलाव का भी सोने की कीमतों पर असर पड़ता है. जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो सोने जैसे गैर-उपज वाले निवेश (Non-yielding Assets) अधिक आकर्षक लगते हैं, जिससे इनकी मांग बढ़ती है
विशाखापट्टनम में सोने का महत्व: केवल आभूषण नहीं, एक पहचान भी!
विशाखापट्टनम में सोने का विशेष महत्व है. यह शहर न केवल एक औद्योगिक केंद्र है, बल्कि यहाँ के लोग भी सोने को बेहद पसंद करते हैं. दक्षिण भारतीय शैली (South Indian Style) के सोने के आभूषणों (Gold Jewellery) की कारीगरी यहाँ बेहद प्रसिद्ध है. शादियों और त्योहारों पर सोना खरीदना और उपहार में देना यहाँ की संस्कृति का अभिन्न अंग है. यही कारण है कि स्थानीय मांग भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में निवेश (Gold Investment) हमेशा एक सुरक्षित विकल्प रहा है, खासकर जब बाजार में अस्थिरता हो. यह आपके निवेश पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) में विविधता लाता है और पूंजी संरक्षण (Capital Preservation) में मदद करता है यह भी याद रखना चाहिए कि सोने की कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय बाजार और अन्य कारकों से प्रभावित होती हैं, इसलिए उतार-चढ़ाव संभव है. निवेशकों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ निवेश करना चाहिए.
आगे क्या? क्या और बढ़ेंगे सोने के दाम?
भविष्य में सोने की कीमतों का अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन मौजूदा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए, सोने की मांग में वृद्धि जारी रहने की संभावना है. हालांकि, ब्याज दरों में संभावित बदलाव या डॉलर की मजबूती से कीमतों पर दबाव भी आ सकता है. उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्थानीय ज्वैलर्स से दैनिक कीमतों (Daily Gold Rates) की पुष्टि करें और खरीदारी से पहले मेकिंग चार्ज (Making Charges) और जीएसटी (GST) जैसे अतिरिक्त शुल्कों (Additional Charges) का ध्यान रखें.
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