Up Kiran, Digital Desk: 1 जनवरी 2026 को, एक नई बॉलीवुड फिल्म सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है, जो दर्शकों को न केवल देशभक्ति के जज़्बे से भर देगी, बल्कि एक ऐसे युवा नायक की कहानी भी पेश करेगी, जो महज 21 साल की उम्र में देश के लिए शहीद हो गया। फिल्म का नाम है 'इक्कीस', जिसमें प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं अगस्त्य नंदा, जयदीप अहलावत और बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र। लेकिन क्या ये फिल्म दर्शकों की पसंद बन पाएगी, खासकर ऐसे समय में जब भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित फिल्में आम हो चुकी हैं?
फिल्म की कहानी: एक शहीद सैनिक की असल जंग
'इक्कीस' का निर्देशन श्रीराम राघवन कर रहे हैं, जो पहले 'जॉनी गद्दार', 'बदलापुर' और 'अंधाधुन' जैसी हिट फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। इस बार वह लेकर आए हैं एक शहीद सैनिक की सच्ची कहानी। यह फिल्म सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपार वीरता दिखाई। महज 21 साल की उम्र में अपनी जान की कुर्बानी देने वाले अरुण खेत्रपाल भारतीय सेना के लिए एक अमिट नाम बन गए।
फिल्म में अरुण के किरदार को निभा रहे हैं अगस्त्य नंदा, जो बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत कर रहे हैं। उनके साथ फिल्म में धर्मेंद्र नजर आएंगे, जिन्होंने अरुण के पिता का किरदार निभाया है। यह धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म होगी, और यह दर्शकों के लिए इमोशनल कनेक्शन का कारण बन सकती है। फिल्म में जयदीप अहलावत एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी की भूमिका में नजर आएंगे, जो अरुण के खिलाफ युद्ध में था।
क्यों 'इक्कीस' हो सकती है हिट?
श्रीराम राघवन को बॉलीवुड में एक सशक्त फिल्म निर्माता माना जाता है, और 'इक्कीस' की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक ऐसे नायक की कहानी पेश करती है, जिसने देश के लिए अपनी जान दी। अरुण की वीरता और बलिदान दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ने वाली है।
फिल्म का ट्रेलर बहुत ही रोमांचक था, जिसमें धर्मेंद्र जैसे दिग्गज अभिनेता और जयदीप अहलावत जैसे दमदार कलाकारों के साथ अगस्त्य नंदा ने भी शानदार अभिनय किया। यह फिल्म धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म होने के कारण और भी खास बन गई है, जिससे इमोशनल कनेक्शन जुड़ने की संभावना है।
क्या 'इक्कीस' को नुकसान हो सकता है?
हालांकि, अगस्त्य नंदा ने ट्रेलर में अच्छा अभिनय किया है, लेकिन यह उनके करियर की शुरुआत है, और अभी उन्हें खुद को साबित करना है। पिछले कुछ वर्षों में भारत-पाकिस्तान युद्ध पर कई फिल्में बनाई जा चुकी हैं, और दर्शक अब इस विषय से उबने लगे हैं। खासकर जब बात युद्ध पर आधारित कहानियों की आती है, तो वह उतना आकर्षण नहीं पैदा करतीं।
इसके अलावा, हाल ही में 'धुरंधर' जैसी फिल्म ने भी भारत-पाकिस्तान संघर्ष को मुख्य विषय बनाया था, हालांकि उसकी कहानी अलग थी। 'धुरंधर' ने दर्शकों को अपनी ओर खींचा, और इस फिल्म का क्रेज अब भी सिनेमाघरों में जारी है। इससे 'इक्कीस' को नुकसान हो सकता है, क्योंकि दर्शकों की प्राथमिकता पहले से ही बदल चुकी है।
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