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Up Kiran, Digital Desk: नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने बुधवार को कहा कि वह अगले दिन दिल्ली में INDIA ब्लॉक (INDIA bloc) पार्टियों की बैठक में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा (restoration of statehood to Jammu and Kashmir) बहाल करने का मुद्दा उठाएंगे. यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और क्षेत्रीय दल अपने अधिकारों की बहाली की मांग कर रहे हैं.

उमर अब्दुल्ला की 'चिट्ठी' का असर: 42 पार्टियों से मांगी मदद, क्या संसद में आएगा नया 'बिल'?

फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) के मंगलवार को 42 राजनीतिक दलों के अध्यक्षों, जिनमें कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress chief Mallikarjun Kharge) भी शामिल थे, को लिखे पत्र के जवाब में बोल रहे थे. इस पत्र में उन्होंने केंद्र सरकार (Centre) से संसद के मौजूदा सत्र (ongoing Parliament session) में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कानून लाने का आग्रह किया था. यह पत्र दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर में राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा अब एक व्यापक विपक्षी एकजुटता का केंद्र बन रहा है.

अनंतनाग में फारूक का 'ऐलान': 'INDIA' के मंच से उठेगी जम्मू-कश्मीर की 'आवाज़', क्या पुरानी दोस्ती निभाएगी काम?

दक्षिण कश्मीर (South Kashmir) के अनंतनाग जिले (Anantnag district) में पत्रकारों से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, "मैं खुद कल वहां जा रहा हूं. एक कांग्रेस नेता ने सभी विपक्षी नेताओं (opposition leaders) को बुलाया है. मैं वहां इस मुद्दे को उठाऊंगा और उम्मीद करता हूं कि वे पहले भी हमारे साथ खड़े रहे हैं, और भविष्य में भी हमारे साथ खड़े रहेंगे." यह दर्शाता है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इस मुद्दे पर INDIA गठबंधन के समर्थन पर भरोसा कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट में 'परीक्षा': क्या 8 अगस्त को मिलेगा जम्मू-कश्मीर को 'न्याय' या बढ़ेगी 'इंतजार' की घड़ी?

एनसी प्रमुख ने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की याचिका (plea for the restoration of statehood) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार, 8 अगस्त को सुनवाई होने की संभावना है. उन्होंने कहा, "राज्य के दर्जे का मामला सुप्रीम कोर्ट में 8 (अगस्त) को सुना जा रहा है. तो, देखते हैं वहां क्या होता है." सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण कानूनी विकास हो सकती है.

महबूबा मुफ्ती पर 'फारूक' का 'हमला': "पीडीपी ने हम पर 'बदकिस्मती' लाई!", अनुच्छेद 370 पर क्यों भड़के अब्दुल्ला?

महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (People's Democratic Party - PDP) द्वारा सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, वरिष्ठ अब्दुल्ला ने पीडीपी पर पलटवार करते हुए कहा कि पीडीपी ने ही "हम पर बदकिस्मती लाई."

उन्होंने पीडीपी पर भाजपा (BJP) के साथ हाथ मिलाने का आरोप लगाते हुए कहा, "उन्होंने भाजपा के साथ हाथ मिलाया. वे हमें क्या बताएंगे? दुर्भाग्य से, वे लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं. अगर (पूर्व सीएम) मुफ्ती (मोहम्मद सईद) ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस से समर्थन स्वीकार किया होता तो अनुच्छेद 370 (Article 370) और 35ए (35A) को रद्द नहीं किया जाता."

अब्दुल्ला ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "हमने उनसे कहा था कि हमारा समर्थन लें और हमें कोई मंत्रालय नहीं चाहिए था. लेकिन वे भाजपा को यहां लाए और वे इसके लिए जिम्मेदार हैं. भगवान ने उन्हें पहले भी डुबोया है और भविष्य में भी डुबोएगा." यह बयान जम्मू-कश्मीर की क्षेत्रीय राजनीति में गहरे मतभेदों और अतीत की कड़वाहट को उजागर करता है.

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