Up Kiran, Digital Desk: बुधवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बिहार में आयोजित विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) और अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के विरोध के कारण बाधित हुई, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा को दिन भर के लिए स्थगित करना पड़ा. जब दोपहर 2 बजे दूसरी बार स्थगन के बाद लोकसभा की बैठक हुई, तो विपक्षी दल नारेबाजी करते हुए और SIR मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए सदन के वेल में आ गए.
संसद में गूंजा 'SIR' का शोर! विपक्ष के हंगामे से ठप हुई कार्यवाही, सरकार क्यों है चुप
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सांसदों के लगातार विरोध पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार संवैधानिक और संसदीय प्रक्रियाओं और नियमों के अनुसार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि SIR का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और इस पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने जोर देकर कहा कि संसद में SIR मुद्दे पर चर्चा करने का मतलब नियमों और परंपराओं को तोड़ना होगा.
रिजिजू का विपक्ष को जवाब: 'SIR' पर चर्चा मतलब नियमों का उल्लंघन! संसद में मचा बवाल
रिजिजू ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग (ECI) के कामकाज और जिम्मेदारियों से संबंधित मामलों पर, जो एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है, सदन में चर्चा नहीं की जा सकती. रिजिजू ने इस बात पर जोर दिया कि नियम स्पष्ट हैं कि चुनाव आयोग जैसे स्वायत्त निकायों के कामकाज पर चर्चा नहीं की जा सकती.
उन्होंने विरोध कर रहे सदस्यों से सदन को काम करने देने का आग्रह किया क्योंकि महत्वपूर्ण विधेयक उठाए जाने के लिए सूचीबद्ध थे. शोरगुल के बीच, सदन ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा लाए गए संशोधनों के साथ 'मर्चेंट शिपिंग बिल 2024' पारित कर दिया. हंगामे के जारी रहने पर पीठासीन अधिकारी ने सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया.
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