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Up Kiran, Digital Desk: निरंतर हो रही बारिश ने उत्तर भारत के कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासतौर पर हरियाणा और पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में घग्गर नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने से लोग दहशत में हैं। नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है, जिससे सैकड़ों परिवारों पर बाढ़ का साया मंडरा रहा है।
हरियाणा में बचाव की तैयारी, पंजाब में नाराजगी
हरियाणा सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कैथल जिले के टटियाणा गांव के पास करीब दो किलोमीटर लंबी बांध की सुरक्षा दीवार को पत्थरों से मजबूत कर दिया है। इससे इलाके के कई गांवों को राहत मिली है।
वहीं दूसरी ओर, पंजाब के ग्रामीणों में सरकार के प्रति नाराजगी देखने को मिल रही है। पटियाला जिले के धर्महेड़ी, थेह ब्राह्मणा, हरिपुर और शशि गुजरान जैसे गांवों में दो से तीन फीट तक पानी भर चुका है। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह तबाह हो गई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पंजाब प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
हरियाणा ने बचाया, पंजाब ने छोड़ा
पूर्व सरपंच प्रतिनिधि सोनू का कहना है कि हरियाणा सरकार की ओर से समय रहते किए गए इंतजामों से भारी नुकसान टला है। उन्होंने यह भी बताया कि घग्गर के किनारे पत्थरों की दीवार ने बाढ़ के पानी को कई गांवों में घुसने से रोक दिया।
इसके उलट पंजाब के ग्रामीणों को प्रशासनिक उदासीनता का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि कई गांवों के लोगों ने अब यह मांग उठाई है कि उन्हें पंजाब के पटियाला जिले से हटाकर हरियाणा के कैथल जिले में शामिल कर दिया जाए।
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