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Up Kiran, Digital Desk: आज राष्ट्रीय खेल दिवस है, एक ऐसा दिन जब हम अपने खेल के नायकों को याद करते हैं और देश में खेल की भावना का जश्न मनाते हैं। इस खास मौके पर, ओलंपिक में भारत का तिरंगा लहराने वालीं और देश की करोड़ों लड़कियों की प्रेरणास्रोत, पहलवान साक्षी मलिक ने देश के युवाओं के नाम एक बहुत ही सीधा और दमदार संदेश दिया है।

उनका संदेश सिर्फ मेडल जीतने या एथलीट बनने के बारे में नहीं है, बल्कि यह हर एक भारतीय युवा की सेहत और भविष्य से जुड़ा है।

"फिटनेस को अपनी आदत बनाओ, मजबूरी नहीं"

साक्षी मलिक ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे फिटनेस को एक दिन का जश्न या सिर्फ जिम जाने की मजबूरी न समझें, बल्कि इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का एक अटूट हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा, "यह जरूरी नहीं है कि आप देश के लिए मेडल जीतने के लिए ही खेलें या कसरत करें। यह जरूरी है कि आप खुद के लिए, अपनी सेहत के लिए फिट रहें।"

उन्होंने आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और मोबाइल-लैपटॉप पर घंटों बिताने की आदत पर चिंता जताते हुए कहा कि एक जगह बैठे रहने वाली जीवनशैली (sedentary lifestyle) बीमारियों का घर है। इससे बचने का एकमात्र तरीका है - किसी भी तरह से शारीरिक रूप से सक्रिय रहना।

जिम नहीं, तो पार्क ही सही!

साक्षी ने बहुत ही सरल भाषा में समझाया कि फिट रहने का मतलब घंटों तक जिम में पसीना बहाना नहीं है। उन्होंने कहा, "आप दौड़ सकते हैं, साइकिल चला सकते हैं, डांस कर सकते हैं या फिर अपने दोस्तों के साथ कोई भी खेल खेल सकते हैं। बस मकसद यह होना चाहिए कि आपका शरीर hareket करता रहे। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए यह बेहद जरूरी है।"

राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर साक्षी मलिक का यह संदेश हर उस युवा के लिए एक वेक-अप कॉल है, जो अपनी सेहत को नजरअंदाज कर रहा है। एक ओलंपिक चैंपियन की यह सलाह दिखाती है कि एक मजबूत देश की नींव उसके स्वस्थ और फिट युवाओं पर ही टिकी होती है।