
उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र में हाल ही में हुए बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी है। आजतक की टीम मौके पर पहुंची और जो मंजर वहां नजर आया, वह दिल दहला देने वाला था। चारों ओर सिर्फ मलबा, टूटे मकान, बर्बाद हुई सड़कें और लाचार लोग दिखाई दिए।
धाराली और हर्षिल के बीच के रास्ते में सेना का कैंप भी प्रभावित हुआ है। सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर और पेड़ गिरे पड़े हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह बाधित हो चुकी है। कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, बादल फटने की घटना रात के समय हुई, जिससे लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला। कई घरों में पानी और मलबा घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ है।
सेना और SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। हेलिकॉप्टर की मदद से जरूरी सामान और दवाइयाँ प्रभावित इलाकों में पहुंचाई जा रही हैं।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमने ऐसा मंजर पहले कभी नहीं देखा। घर उजड़ गए, रास्ते बंद हो गए और खेत बर्बाद हो गए।”
प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना और भोजन-पानी की व्यवस्था करना है।
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
हर्षिल की यह प्राकृतिक आपदा एक बार फिर उत्तराखंड की संवेदनशीलता को उजागर करती है, जहां पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण छोटे हादसे भी बड़ी तबाही में बदल जाते हैं।
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