
1 अप्रैल 2025 से लागू ये बदलाव फरवरी में पेश बजट का हिस्सा थे। इनमें इनकम टैक्स स्लैब से लेकर टीडीएस, PAN-Aadhaar लिंकिंग और UPI अपडेट तक कई अहम बदलाव शामिल हैं।
1. नया इनकम टैक्स स्लैब – 4 लाख तक टैक्स फ्री
न्यू टैक्स रेजीम में सबसे बड़ा अपडेट ये है कि अब सालाना ₹4 लाख तक की आय पूरी तरह टैक्स फ्री है।
जो लोग ₹12.75 लाख तक सालाना कमाते हैं, वे स्टैंडर्ड डिडक्शन और अन्य छूटों के बाद कोई टैक्स नहीं देंगे।
सरकार के मुताबिक, इससे एक आम टैक्सपेयर को ₹1.10 लाख की बचत होगी।
नई टैक्स दरें (न्यू टैक्स रेजीम):
आय सीमा (₹) | टैक्स दर |
---|---|
0 – 4 लाख | 0% |
4 – 8 लाख | 5% |
8 – 12 लाख | 10% |
12 – 16 लाख | 15% |
16 – 20 लाख | 20% |
20 – 24 लाख | 25% |
24 लाख से ऊपर | 30% |
2. सीनियर सिटिज़न्स को डिपॉजिट पर राहत
अब 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर TDS लिमिट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है। इससे ब्याज पर कम कटौती होगी और ज्यादा कमाई हो सकेगी।
3. रेंट पर नया TDS नियम
अब अगर कोई कंपनी या संस्था हर महीने ₹50,000 या उससे ज्यादा किराया देती है, तो TDS कटेगा। ये नया नियम रेंट इनकम पर ट्रैकिंग बढ़ाने के लिए लाया गया है।
4. दो घरों को ‘सेल्फ-ऑक्यूपाइड’ दिखाने की छूट
पहले सिर्फ एक घर को ‘स्व-निवास’ बताने की छूट थी। अब टैक्सपेयर्स दो घरों को अपना निवास घोषित कर सकते हैं और हाउस प्रॉपर्टी इनकम पर टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं।
5. फॉरेन ट्रैवल और निवेश पर TCS की लिमिट बढ़ी
विदेश यात्रा, विदेशी निवेश और बड़े लेन-देन पर अब TCS ₹10 लाख की लिमिट के बाद लगेगा। पहले ये सीमा ₹7 लाख थी।
6. PAN-Aadhaar लिंकिंग जरूरी
अगर कोई व्यक्ति 1 अप्रैल 2025 तक PAN को Aadhaar से लिंक नहीं करता, तो:
उसके डिविडेंड पेमेंट रोके जाएंगे।
ज्यादा TDS लगेगा।
टैक्स क्रेडिट फॉर्म 26AS में नहीं दिखेगा।
7.UPI मोबाइल नंबर अपडेट करना अनिवार्य
अगर आपका रजिस्टर्ड UPI मोबाइल नंबर एक्टिव नहीं है, तो उसे अपडेट करें। नहीं किया तो UPI सर्विस ब्लॉक हो सकती है।
8. पार्टनर्स की सैलरी पर अब TDS
अगर किसी फर्म का पार्टनर साल में ₹20,000 से ज्यादा सैलरी, कमीशन या बोनस लेता है, तो उस पर 10% TDS कटेगा।
9. Google टैक्स खत्म
6% इक्वलाइजेशन लेवी जिसे ‘गूगल टैक्स’ कहा जाता था, अब हटा दी गई है। इससे ऑनलाइन विज्ञापन सेवाएं सस्ती हो सकती हैं।
10. ITR अपडेट करने की समयसीमा अब 4 साल
अब ITR-U फॉर्म के जरिए पुरानी आय को सुधारने या जोड़ने के लिए 4 साल (48 महीने) तक का समय मिलेगा। पहले ये समयसीमा सिर्फ 2 साल थी।
टैक्स एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
टैक्स एक्सपर्ट संदीप झुनझुनवाला के मुताबिक,"इन बदलावों से टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी होगा और लोग बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग कर सकेंगे।"
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