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धर्म डेस्क। सनातन धर्म में हर तिथि का अपना स्वभाव एवं विशेषता होती है। सावन मास को तो हर तिथि शुभ और भगवान शिव व माता पार्वती को अतिशय प्रिय है। सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की तो बात ही निराली है। इस तिथि पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व पर महिलाएं निर्जला व्रत रखकर मां पार्वती से अपने सुखी वैवाहिक जीवन का वर मांगती हैं। मां पार्वती उन्हें अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद देती हैं। इस बार हरियाली तीज 7 अगस्त को पड़ पड़ रही है।  

हरियाली तीज पर्व पर व्रत रखने वाली महिलाओं को कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। छोटी सी भूल या गलती भारी पड़ सकती है। इससे आप पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आइये जानते हैं हरियाली तीज पर क्या सावधानियां बरतनी आवश्यक है ...

शास्त्रों के अनुसार हरियाली तीज पर अशुद्ध मानी जाने वाली वस्तुओं जैसे चमड़ा, मदिरा, अंडा आदि चीजों के भूलकर भी स्पर्श न करें। इन अपवित्र चीजों को छूने मात्र से ही व्रत भंग हो जाता है और मां पार्वती के क्रोध का सामना करना पड़ता है। हरियाली तीज पर विचारों की शुद्धता परम् आवश्यक है। तीज के दिन पूरी तरह से सकारत्मक रहें। लोभ व क्रोध से बचें।

हरियाली तीज सौभाग्य का पर्व है। इसलिए इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती समेत सभी देवी देवताओं के प्रति सम्मान का भाव रखें। ऐसा न करने से व्रत का विपरीत प्रभाव पडेगा। मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर लाल और हरे रंग के कपड़ों का इस्तेमाल अवश्य करें। हरियाली तीज के दिन किसी भी व्यक्तिका अपमान न करें। इसी तरह हरियाली तीज पर ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक है। पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखने वाली महिलायें निर्जला व्रत ही रखें।  
 

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