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Up Kiran, Digital Desk: त्योहारों के शहर हैदराबाद में आज आस्था और परंपरा का अनूठा संगम देखने को मिला, जब महिलाओं ने बड़े ही श्रद्धा और भक्ति भाव से देवी वरलक्ष्मी के पावन व्रत का पालन किया। श्रावण मास पूर्णिमा (Sravana Purnima) से ठीक पहले आने वाले इस पवित्र शुक्रवार को, शहर की विवाहित महिलाओं ने अपने परिवार की खुशहाली, समृद्धि और दीर्घायु की कामना करते हुए विशेष अनुष्ठान किए। (Source Text) इस वर्ष का वरलक्ष्मी व्रत हैदराबाद के वातावरण में एक आध्यात्मिक ऊर्जा और पारिवारिक स्नेह का संचार कर गया।

देवी वरलक्ष्मी' के स्वागत में उमड़ी श्रद्धा:

देवी लक्ष्मी को समर्पित यह व्रत विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा परिवार के मंगलमय भविष्य की कामना के साथ रखा जाता है। (Source Text) आज सुबह से ही, महिलाओं ने पूरे दिन के उपवास (fasting) का संकल्प लिया और पूरी निष्ठा के साथ विभिन्न अनुष्ठानों (rituals) को पूरा किया। (Source Text) कई महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में मंदिरों का दौरा किया, जहाँ उन्होंने देवी वरलक्ष्मी का विशेष अभिषेक और पूजा-अर्चना की। (Source Text) जो महिलाएं मंदिरों तक नहीं जा सकीं, उन्होंने घर पर ही विधि-विधान से पूजा संपन्न की, जहाँ परिवार के अन्य सदस्य भी इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बने।

'प्रसाद' से बंटी खुशियाँ, मजबूत हुए रिश्ते:

पूजा के उपरांत, देवी को अर्पित किया गया प्रसाद (prasadam) अत्यंत श्रद्धा भाव से मित्रों और पड़ोसियों के साथ बाँटा गया। (Source Text) प्रसाद का वितरण केवल एक रस्म नहीं था, बल्कि यह समुदाय के सदस्यों के बीच सौहार्द, अपनेपन और सामाजिक जुड़ाव को मजबूत करने का एक तरीका था। हैदराबाद के विभिन्न हिस्सों में, घर-घर से मंगलगीत और देवी के श्लोक गूंज रहे थे, जो वातावरण को और भी पवित्र बना रहे थे।

ग्रैविटी एड फिल्म्स' की सांस्कृतिक सहभागिता:

शहर के इस उत्सवमय माहौल में, 'ग्रैविटी एड फिल्म्स' (Gravity Ad Films) ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। (Source Text) कंपनी ने न केवल अपने कर्मचारियों को इस पारंपरिक उत्सव में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया, बल्कि सांस्कृतिक भावना का सम्मान करते हुए दिन के महत्व को भी रेखांकित किया। यह कदम दर्शाता है कि कैसे कॉरपोरेट जगत भी देश की सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को महत्व देता है।

पारिवारिक बंधन और आध्यात्मिक मूल्यों का संवर्धन:

वरलक्ष्मी व्रत का उत्सव पूरे शहर में एक सकारात्मक और आनंदमय माहौल लेकर आया। इसने पारिवारिक संबंधों (familial bonds) को और गहरा किया और लोगों में आध्यात्मिक मूल्यों (spiritual values) के प्रति आस्था को सुदृढ़ किया। इस पवित्र दिन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कैसे परंपराएं हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखती हैं और कैसे भक्ति हमें शांति और संतोष प्रदान करती है। (Source Text) हैदराबाद में वरलक्ष्मी व्रत का यह आयोजन शहर की जीवंत संस्कृति और उसकी महिलाओं की अटूट श्रद्धा का प्रतीक बन गया।

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