
Up Kiran, Digital Desk: आज के दौर में महिलाएं घर और बाहर - दोनों जगह अपनी जिम्मेदारियों को बख़ूबी निभा रही हैं। लेकिन अक्सर इन दोहरी भूमिकाओं के बीच एक 'अदृश्य लड़ाई' छिड़ी रहती है, जिसकी सबसे बड़ी शिकार होती है महिलाओं की मानसिक सेहत (Women's Mental Health)। 'वर्क-लाइफ बैलेंस' (Work-Life Balance) का दबाव (Pressure) लगातार उन्हें तनाव (Stress) और चिंता की तरफ खींच रहा है।
काम और निजी जीवन के इस कठिन संतुलन (Balancing Act) की कोशिश किस तरह महिलाओं की मेंटल हेल्थ (Mental Health) को नुकसान पहुँचा रही है, इस बात को समझना आज बहुत ज़रूरी है।
घर और काम, दो अलग मोर्चे: पारंपरिक रूप से महिलाएं परिवार के प्राथमिक देखभालकर्ता (Primary Caretaker) रही हैं। लेकिन अब वह करियर (Career) में भी ऊँचाइयों को छू रही हैं। जब ये दोनों चीजें एक साथ होती हैं, तो बहुत बड़ा मानसिक बोझ पड़ता है:
हर समय दोषी महसूस करना: कई महिलाएं घर से जुड़ी अपनी ज़िम्मेदारी में कोई चूक होने पर 'गिल्ट' (Guilt) महसूस करती हैं। काम के समय घर का खयाल आना और घर पर काम की डेडलाइन (Deadline) याद आना, लगातार एक तनाव की स्थिति पैदा करता है।
अपने लिए समय नहीं: परिवार और ऑफिस के बीच तालमेल बिठाने में अक्सर महिलाएं अपनी सेहत (Health) या निजी हॉबी (Hobby) के लिए बिलकुल भी समय नहीं निकाल पातीं। इसी वजह से जलन (Burnout) और चिंता (Anxiety) बढ़ने लगती है।
समाज का दवाब: उनसे समाज एक 'परफेक्ट' बहू, बेटी, पत्नी और कर्मचारी होने की उम्मीद करता है। समाज की ये 'उच्च अपेक्षाएं' (Expectations) ही उनके लिए सबसे बड़ा दबाव बन जाती हैं।
ज़रूरी है समर्थन और अपनी सीमाएं तय करना
अगर महिलाएं अपनी मानसिक सेहत को बचाना चाहती हैं, तो उन्हें दो चीज़ें सीखनी होंगी:
'नहीं' कहना:घर या काम—दोनों जगहों पर ऐसी अतिरिक्त ज़िम्मेदारियों (Extra Responsibilities) को विनम्रता से मना करना, जो उनके लिए असहनीय हों। अपनी सीमाएं तय करना (Setting Boundaries) बहुत ज़रूरी है।
समान पार्टनरशिप: परिवार में पुरुषों को भी घरेलू ज़िम्मेदारियों में समान भागीदार (Equal Partner) बनना होगा, ताकि काम का सारा बोझ महिला पर न आए।
जब तक इस दोहरी ज़िम्मेदारी को समाज में नहीं समझा जाएगा, तब तक महिलाएं हमेशा मानसिक रूप से बीमारियों की कगार पर खड़ी रहेंगी। मानसिक शांति (Mental Peace) के लिए अपनी खुद की देखभाल (Self-Care) और अपनों का सहयोग लेना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।