Donald Trump Victory: ट्रंप के अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनने के साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था और डॉलर ने मजबूती की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। उनके चुनाव जीतते ही अमेरिकी डॉलर की कीमत में तेजी से इजाफा हुआ, जिसका सबसे बड़ा झटका ईरान की अर्थव्यवस्था को लगा है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉलर में उछाल की वजह से ईरानी करेंसी रियाल में रिकॉर्ड गिरावट आई है, जिसकी वजह से देश को गंभीर आर्थिक झटका लग रहा है। आइए जानते हैं कि डॉलर की मजबूती ने ईरानी अर्थव्यवस्था को किस तरह प्रभावित किया है और इसके क्या मायने हैं।
रियाल में रिकॉर्ड गिरावट
ट्रंप की जीत के ऐलान के बाद बुधवार को ईरानी करेंसी रियाल ने डॉलर के मुकाबले अपना सबसे निचला स्तर छू लिया। कारोबार के दौरान रियाल की कीमत 7,03,000 प्रति डॉलर पर पहुंच गई, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। ये गिरावट ईरान के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका है, खासकर ऐसे समय में जब ईरान इजरायल के साथ संघर्ष में उलझा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि डॉलर की ये मजबूती भविष्य में और बढ़ सकती है, जिससे रियाल पर और दबाव पड़ सकता है।
2018 से स्थिति और खराब हुई
2015 में अमेरिका समेत कई देशों के साथ परमाणु समझौते के बाद ईरान की मुद्रा रियाल की स्थिति काफी मजबूत हो गई थी। उस समय 1 अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रियाल की कीमत करीब 32,000 थी। मगर 2018 में ट्रंप ने एकतरफा तरीके से इस परमाणु समझौते से बाहर निकलने का फैसला किया, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई। अमेरिका ने ईरान पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए, जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था पहले ही कमजोर हो चुकी थी। अब अमेरिका के सहयोगी इजरायल के साथ ईरान के तनाव और ट्रंप की जीत से भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ने की संभावना है।
डॉलर सूचकांक में जबरदस्त उछाल
डॉलर इंडेक्स में इस समय अच्छी तेजी देखने को मिल रही है। फिलहाल डॉलर इंडेक्स 1.75% की बढ़त के साथ 105.23 के स्तर पर है और अनुमान है कि दिसंबर तक यह स्तर 106.50 तक पहुंच सकता है। डॉलर इंडेक्स में इस तेजी का मतलब है कि अमेरिकी डॉलर एक बार फिर दुनिया की ज्यादातर मुद्राओं पर अपना दबदबा बना रहा है। जो लोग हाल ही में हुए डीडॉलराइजेशन की बात कर रहे थे, उनके लिए यह स्थिति चुनौती देने वाली है। पिछले एक महीने में डॉलर इंडेक्स में 2.24% और पिछले तीन महीनों में करीब 2% की बढ़ोतरी हुई है।
भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि
डॉलर की बढ़ती मजबूती और ट्रंप की वापसी से अमेरिकी सहयोगी मजबूत हो रहे हैं, वहीं ईरान के साथ भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ने की आशंका है। ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में ईरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था और इस बार भी विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी नीतियों से ईरान की अर्थव्यवस्था पर और दबाव पड़ सकता है। ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप की जीत ने भू-राजनीतिक स्थिरता को नया मोड़ दिया है।
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