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डेस्क। भारत पर्वों का देश कहा जाता है। यहां पर हर दिन किसी न किसी पर्व का उत्सव मनाया जाता है। अब बात करें नवरात्रि की तो सनातन परंपरा में सालभर में चार बार नवरात्रि आती हैं। इनमें से चैत्र माह में पड़ने वाली वासंतिक नवरात्रि और अश्विन माह में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि को बड़े पर्व के रूप में मनाया जाता है। लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि माघ और अषाढ़ माह में भी नवरात्रि पड़ती है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

इस समय अषाढ़ माह चल रहा है। अषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 जुलाई से हो रही है। उल्लेखनीय है कि अषाढ़ गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र सीखने के लिए अहम मानी जाती है। अषाढ़ गुप्त नवरात्रि में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। कुछ चीजों को करने से बचना भी चाहिए। नवरात्रि में जहां मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, वहीं गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। तो आइये जानते हैं कि ये 10 महाविद्याएं कौनसी हैं ...

गुप्त नवरात्रि में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि इन 10 महाविद्याओं की सिद्धि के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ...

गुप्त नवरात्रि के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, घर या पूजास्थल में गंदगी से आपके जीवन में दरिद्रता आ सकती है। तांत्रिकों के अनुसार इस गुप्त नवरात्रि में आम लोगों को सिर्फ हवन और सात्विक पूजा करनी चाहिए। इस दौरान तामसिक चीजों मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज आदि से परहेज रखना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि गुप्त नवरात्रि में देवी के रौद्र स्वरूपों की पूजा होती है, जो कि आम लोगों के लिए नहीं होती। गुप्त नवरात्रि में तंत्र विद्या की सिद्धि के लिए पूजा की जाती है, इसलिए घरों में रौद्र स्वरूपों की स्थापना नहीं की जानी चाहिए। नवरात्रि की अवधि में ब्रम्ह मुहूर्त में ही स्नान आदि कर लेना चाहिए। इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। 
 

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