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मुंबई के युवा बाएं हाथ के बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल WI के दो टेस्ट मैचों के दौरे के लिए भारतीय टीम में चुने जाने को लेकर काफी उत्सुक थे। टेस्ट टीम में नाम आते ही पिता भावुक हो गए. रोने लगे... यशस्वी का सपना पूरा होने की खुशी उनके चेहरे पर छलक रही थी। कोच ज्वालासिंह ने 2013 में अपने शिष्य को लेकर जो सपना देखा था वह दस साल बाद पूरा हुआ।
यशस्वी यूपी के भदोई से क्रिकेट के लिए मुंबई आए थे। उन्होंने 11 साल की उम्र में मुंबई में क्रिकेट खेलना शुरू किया। क्रिकेट खेलना और आज़ाद मैदान के बाहर पानीपूरी बेचना उनकी दिनचर्या थी। अक्सर मैदान में मैच देख रहे लोग उन्हें पहचान लेते थे और पूछते थे कि ये क्या कर रहे हो, तो उस वक्त वो कहते थे कि पेट के लिए ऐसा करना पड़ रहा है. मगर, उनकी निष्ठा क्रिकेट के प्रति थी। उन्होंने क्रिकेट नहीं छोड़ने का फैसला किया। उन्हें तीन साल तक तंबू में रहना पड़ा। कुछ सालों तक स्थानीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले यशस्वी आईपीएल में अपने प्रदर्शन के दम पर कई लोगों के गले की फांस बन गए.
उन्होंने कहा, 'हम एक-दो दिन में विंडीज दौरे की तैयारी शुरू कर देंगे. इसके लिए एनसीए ने प्रस्थान यशस्वी को WTC फाइनल के लिए टीम में रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर जगह दी थी.
युवा बल्लेबाज ने कहा, 'मैं आगामी दौरे में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगा. मैं उत्साहित हूं; मगर हम अपने तरीके से खेलेंगे.'