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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 24,000 करोड़ रुपये का पूरक बजट पेश किया। यह बजट वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने इस बजट को पहले ही मंजूरी दे दी है। अगले वित्त वर्ष से दो महीने पहले पेश किए गए इस पूरक बजट से कुछ परियोजनाओं को बढ़ावा मिलने और कम वित्त पोषित योजनाओं में तेजी आने की उम्मीद है।

पूरक बजट पर सरकार

सरकार ने कहा कि पूरक बजट एक नियमित वित्तीय प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य उभरती जरूरतों को पूरा करना, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को वित्त पोषित करना और यह सुनिश्चित करना है कि बजटीय बाधाओं के कारण प्रमुख कार्यक्रमों में देरी न हो।

माता प्रसाद पांडे ने पूरक बजट पर सवाल उठाए

विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा कि पूरक बजट पेश करना संवैधानिक है। हालांकि, उन्होंने उन परिस्थितियों पर सवाल उठाया जिनके तहत इसे पेश किया जा रहा है।

केशव प्रसाद मौर्य ने पूरक बजट का बचाव किया

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पूरक बजट का बचाव किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य भर में विकास को गति देने के लिए अतिरिक्त वित्तीय आवंटन अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वर्ष 2024-25 के संयुक्त बजट का आकार

सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में दो पूरक बजट पेश किए, जिनमें से पहला 12,209.93 करोड़ रुपये का था। इन अतिरिक्त मदों के साथ, राज्य का 2024-25 का संयुक्त बजट 7,66,513.36 करोड़ रुपये हो गया।

पूरक बजट 2024-25

पिछले वर्ष सरकार ने 17,865.72 करोड़ रुपये का पूरक बजट प्रस्तुत किया था, जो मूल बजट 7,36,437.71 करोड़ रुपये का 2.42 प्रतिशत था।

विपक्ष ने पूरक बजट पर सवाल उठाए

विपक्ष ने पूरक बजट की प्रस्तुति पर सवाल उठाए हैं। बजट पेश होने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में तीखी राजनीतिक बहस हुई। विपक्षी नेताओं ने इसके समय और आवश्यकता दोनों पर सवाल उठाए।