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देश की राजधानी की एक अदालत में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक दोषी और उसके वकील ने खुलेआम महिला जज को धमकाया, गालियां दीं और न्यायालय की मर्यादा को शर्मसार कर दिया। ये घटना 2 अप्रैल के उस फैसले के बाद सामने आई, जिसमें दोषी को चेक बाउंस के मामले में दोषी ठहराया गया था।
क्या है पूरा मामला?
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवांगी मंगला ने चेक बाउंस केस में परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत एक आरोपी को दोषी करार दिया। इसके बाद कोर्ट में जो हुआ, उसने न्यायिक संस्थाओं की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए।
दोषी व्यक्ति ने न सिर्फ कोर्ट का अपमान किया बल्कि जज को धमकाते हुए कहा तू है क्या चीज... तू बाहर मिल, देखता हूं कैसे जिंदा घर जाती है।
इतना ही नहीं, आरोपी ने गुस्से में आकर जज पर कोई वस्तु फेंकने की कोशिश भी की। मौके पर मौजूद लोग हैरान रह गए और कोर्ट की कार्यवाही कुछ देर के लिए रोकनी पड़ी।
जज मंगला के अनुसार, दोषी के वकील अतुल कुमार ने भी न केवल उनका पक्ष लिया बल्कि जज पर इस्तीफे का दबाव बनाया। उन्होंने दोषसिद्धि के बावजूद अपने मुवक्किल को बरी करने की जिद की और जब ऐसा नहीं हुआ तो कथित रूप से धमकी दी कि वे उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाकर उन्हें जबरन पद छोड़ने के लिए मजबूर करेंगे।
जज ने कही ये बात
जज मंगला ने अपने आदेश में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट का कार्य इंसाफ करना है और जज सभी बाधाओं के बावजूद सत्य के पक्ष में खड़े रहते हैं। इस तरह के उत्पीड़न और धमकियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।