Up kiran,Digital Desk : कहते हैं ना, जब रखवाला ही चोर बन जाए, तो फिर क्या ही कहा जाए। दुर्ग के नंदिनी थाना पुलिस ने एक ऐसे ही मामले का पर्दाफाश किया है, जिसे सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। पुलिस ने अवैध शराब की तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह को तो पकड़ा ही, लेकिन जब जांच की परतें खुलीं, तो पता चला कि इस पूरे खेल के असली खिलाड़ी तो खुद सरकारी शराब दुकान के कर्मचारी ही हैं।
एक खबर और बिछ गया जाल…
- खबर: पुलिस को सूचना मिली कि एक सफेद टाटा सफारी (CG04 HD 7843) में भरकर देसी शराब की अवैध तस्करी की जा रही है।
- एक्शन: पुलिस ने बिना देर किए, नंदिनी के पत्थर खदान के पास जाल बिछा दिया। जैसे ही संदिग्ध टाटा सफारी वहां पहुंची, पुलिस ने उसे रोक लिया।
गाड़ी की तलाशी लेने पर जो मिला, उससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया। गाड़ी शराब की पेटियों से ठसाठस भरी हुई थी। पुलिस ने तुरंत गाड़ी में सवार चार लोगों - नरेश कुर्रे, लवकेश, आर्यन और प्रभु बारले - को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ में खुला 'अंदर' का राज
जब थाने में इन चारों से सख्ती से पूछताछ हुई, तो उन्होंने पूरा राज उगल दिया। उन्होंने बताया कि यह कोई मामूली तस्करी नहीं है, बल्कि यह एक 'इनसाइड जॉब' है। उन्होंने खुलासा किया कि:
वे यह शराब सीधे नंदिनी की सरकारी देसी शराब दुकान से ही खरीदते थे, और इसमें दुकान का मैनेजर और सेल्समैन उनकी पूरी मदद करते थे।
दुकान का मैनेजर और सेल्समैन भी गिरफ्तार
- मैनेजर हितेश सय्यान और विचित्र दास मानिकपुरी को गिरफ्तार किया।
- तीन सेल्समैन - नारायण जोगी, अमरजीत महतो और नितेश साहू - को भी धर दबोचा।
यह गिरोह इसी तरह दुकान से थोक में शराब निकालकर, उसे आसपास के गांवों में ऊंचे दामों पर बेचता था, और मोटी कमाई करता था।
क्या-क्या हुआ बरामद?
पुलिस ने इस पूरे गिरोह से कुल 4 लाख 74 हजार रुपये का माल जब्त किया है, जिसमें शामिल हैं:
- 28 पेटी देसी शराब
- एक टाटा सफारी गाड़ी
- चार मोबाइल फोन
- 15 हजार रुपये कैश
इस मामले में कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें कोर्ट में पेश कर दिया गया है। यह घटना दिखाती है कि कैसे सिस्टम के ही कुछ लोग, सिस्टम को खोखला करने में लगे हुए थे।
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