img

mobile radiation alert: वर्तमान में फोन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। बातचीत करने, गाने सुनने, गेम खेलने और इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए फोन हमेशा हमारे हाथ में रहता है। कुछ लोग अपना बहुत सारा समय फोन पर बात करने में बिताते हैं। लेकिन फोन पर बहुत देर तक बात करने की आपकी आदत आपको महंगी पड़ सकती है। ये कानों के लिए हानिकारक है।

यदि आप घंटों फोन पर बात करते हैं, तो आपकी सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो सकती है। WHO ने पहले ही चेतावनी दी है कि 12 से 35 वर्ष की आयु के 1 अरब से अधिक लोगों को सुनने की क्षमता में कमी या बहरेपन का खतरा हो सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण ईयरबड्स और हेडफोन से होने वाला शोर है।

फोन पर बात करते समय या गाने सुनते समय ज्यादातर लोग इयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं। यदि ध्वनि बहुत तेज या बहुत लंबे समय तक हो तो यह आपके कान की नसों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम हो सकती है।

फोन से निकलने वाली विद्युतचुंबकीय विकिरण आपके कानों और यहां तक ​​कि आपके मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकती है। जब हम फोन को सीधे अपने कान पर लगाकर घंटों बात करते हैं, तो यह विकिरण हमारे कानों की आंतरिक संरचना को प्रभावित कर सकता है।

इन लक्षणों को ना करें इग्नोर

  • धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होना।
  • कानों में लगातार बजने या सीटी बजने जैसी अनुभूति होना।
  • एक या दोनों कानों में दर्द या जलन।
  • फोन पर बात करते समय स्पष्ट सुन नहीं पाना।
  • यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से मिलें।

इस तरह करें बचाव

  • मोबाइल पर बात करते समय स्पीकर मोड या एयरट्यूब हेडसेट का उपयोग करें।
  • इयरफोन-हेडफोन या ईयरबड का प्रयोग यथासंभव कम करें।
  • 60 मिनट से अधिक समय व्यतीत न करें।
  • फोन का वॉल्यूम हमेशा 60% से कम रखें।
  • रात को सोते वक्त अपने फोन को तकिए के पास न रखें, बात न करें और न ही गाने सुनें।
  • अपने कानों को आराम देने के लिए हर 30-40 मिनट में फोन का इस्तेमाल करने के बाद थोड़ा ब्रेक लें।

--Advertisement--