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लड़कियां पढ़ लिख कर क्या करेगी? घर के कामकाज सिखाओ तो जीवन भर उसके काम आएगा। समाज की समझाइश कोई नई बात नहीं है। ग्रामीण जगहों पर तो ये आम बात हो गई है। हम सभी जानते हैं कि आज के दौर में शिक्षा कितनी जरूरी है। हम सब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए महंगे से महंगे स्कूलों में एडमिशन दिलाते हैं। पर ये जानकर आपको हैरानी होगी कि आज हम जिस गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, वहां बेटियां आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं। आईये जानते हैं उस जिले के बारे में।

हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले गोमपाड़ अभ्यारण क्षेत्र में बसे गांव गोमर्डा, लोर्का, नावा, पाली, बंगबंधु, नवगई, खोल की जहां की बेटियां आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि इन पांचों गांव की जनसंख्या लगभग 800 है, मगर इन पांचों गांव में सिर्फ तीन बेटियों ने ही १२वीं तक पढ़ाई की है। बच्चियों के परिजनों ने बताया कि गांव से हाई स्कूल लगभग 10 किलोमीटर दूर है और हाईस्कूल पहुंचने के लिए बच्चियों को जंगल का रास्ता तय करना पड़ता है।

जहां जंगली जानवरों के भय से गोमर्डा अभयारण्य के पर्यटन और पिकनिक मनाने वाले पर्यटकों के नशापान के कारण हमेशा भय बना रहता है। जिसके कारण परिजन अपनी बेटियों को स्कूल भेजने से परहेज करते हैं और आठवीं के बाद पढ़ाई बंद करा देते हैं। जिसके कारण बच्चियां घरेलू कामकाज में जुट जाती हैं। यहां जंगली जानवर ज्यादा है।

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