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Up kiran,Digital Desk : रांची के सिल्ली और मूरी इलाके के दुकानदारों, होशियार! आपकी दुकानों पर इन दिनों एक ऐसा शातिर गिरोह सक्रिय है, जो ग्राहक बनकर आता है और आपकी मेहनत की कमाई पर जाली नोटों का चूना लगाकर चला जाता है।

ये कोई बड़े व्यापारी या मॉल को निशाना नहीं बनाते, बल्कि आप जैसी छोटी और भीड़भाड़ वाली दुकानों को अपना शिकार बनाते हैं। इनका तरीका इतना शातिर है कि जब तक आपको पता चलता है, तब तक वे आपकी नजरों से ओझल हो चुके होते हैं।

कैसे काम करता है यह 'जाली नोट' गिरोह?

  1. ग्राहक बनकर आते हैं: गिरोह के सदस्य बिल्कुल आम ग्राहक की तरह आपकी दुकान में आएंगे।
  2. भीड़ का फायदा उठाते हैं: वे जानबूझकर ऐसी दुकान चुनते हैं, जहां पहले से भीड़ हो, ताकि आपका ध्यान बंटा रहे।
  3. छोटा-मोटा सामान खरीदते हैं: वे 50-100 रुपये का कोई सस्ता सा सामान खरीदेंगे।
  4. देते हैं 200 या 500 का नोट: और भुगतान के लिए आपको 200 या 500 रुपये का जाली नोट थमा देंगे।
  5. दिखाते हैं जल्दबाजी: वे खुल्ले पैसे वापस लेने में इतनी जल्दबाजी दिखाएंगे और आप पर इतना दबाव बनाएंगे कि आपको नोट को ठीक से जांचने का मौका ही नहीं मिलेगा।
  6. पलक झपकते ही गायब: और जैसे ही आप दूसरे ग्राहकों में व्यस्त होते हैं, वे सामान लेकर वहां से निकल जाते हैं।

एक दुकानदार का दर्द...

मूरी के रहने वाले दुकानदार प्रमोद कुशवाहा भी इस गिरोह का शिकार हो चुके हैं। उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए बताया: "एक ग्राहक आया, 200 रुपये का सामान लिया और बहुत जल्दबाजी में पैसे देकर चला गया। जब थोड़ी देर बाद भीड़ कम हुई और मैंने नोट चेक किया, तो वह नकली निकला। हम तो किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं, इस धोखे से हमारा काफी नुकसान हो गया।"

प्रमोद अकेले नहीं हैं। इलाके के कई और दुकानदार भी 200 और 500 रुपये के इन जाली नोटों का शिकार हो चुके हैं।

क्या है अब आगे का रास्ता?

परेशान दुकानदारों ने पुलिस से इस गिरोह पर जल्द से जल्द लगाम कसने की मांग की साथ ही, उन्होंने आम लोगों और दूसरे व्यापारियों से भी अपील की 

  • लेन-देन करते समय सावधान रहें।
  • 200 और 500 के नोट को अच्छी तरह से जांचें।
  • अगर कोई ग्राहक ज्यादा ही जल्दबाजी दिखाए, तो सतर्क हो जाएं।

अगर समय रहते इस गिरोह को नहीं पकड़ा गया, तो यह न जाने और कितने छोटे व्यापारियों की मेहनत की कमाई पर पानी फेर देगा।