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यूपी वन निगम के डिवीज़नल सेल्स ऑफिसर (डीएसएम) के पद पर तैनात दविंदर सिंह पर पहले एजूकेशनल दस्तावेजों में हेराफेरी करके अपनी जन्मतिथि बदलवाने का आरोप लग चुका है। इसके बावजूद उन्होंने अपने रसूख के दम पर सीएम योगी (Cm Yogi) आदित्यनाथ के जनपद गोरखपुर में तैनाती पायी और अब उन्हें राजधानी स्थित मुख्यालय में विपणन का भी चार्ज दे दिया गया है। वन निगम के सबसे भ्रष्ट अफसर दविंदर सिंह को पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान का करीबी बताया जाता है।Cm Yogi - Devendra Singh

ध्यान देने की बात यह है कि जिस समय दविंदर सिंह के एजूकेशनल दस्तावेजों के प्रकरण की जांच शुरू हुई थी। उस समय भी मुख्यालय से उनके एजूकेशनल रिकार्ड से संबंधित कागजातों के गायब होने की जानकारी सामने आयी थी और अब, जब उन्हें मुख्यालय में तैनाती मिली है तो एक बार फिर उनके भ्रष्टाचार से जुडे कागजात गायब होने की संभावना जतायी जा रही है। ऐसे में दविंदर सिंह की मुख्यातलय पर तैनाती को लेकर सवाल खडे होने लगे हैं। (Cm Yogi)

आपको बता दें कि यूपी किरण ने वन निगम (Up Forest Corporation) के भ्रष्ट अधिकारी के काले कारनामों का खुलासा किया था कि इस अधिकारी ने किस तरह अपनी जन्मतिथि में हेराफेरी करके अपनी सर्विस का समय 10 वर्ष बढवा लिया। उस समय मामले की जांच के लिए भारतीय वन सेवा के जीएम स्तर के अधिकारी सुधीर शर्मा को नियुक्त किया गया था। (Cm Yogi)

विभागीय सूत्रों का कहना है कि उस समय आरोपी DSM दविंदर सिंह का शैक्षणिक रिकॉर्ड मुख्यालय (Up Forest Corporation) से गायब हो चुका था। हैरानी तब हुई, जब मामले की FIR करवाने की जगह आरोपी दविंदर सिंह (परिवर्तित नाम ) से ही उसके सारे शैक्षणिक रिकॉर्ड मांगे गये थे। (Cm Yogi)

उधर DSM दविंदर सिंह (परिवर्तित नाम ) का कहना है कि नाम और जन्मतिथि में गड़बड़ी विभाग के लोगों की गलती से हुई है। दविंदर सिंह (परिवर्तित नाम ) ने 1983 में नौकरी शुरू की, इस बीच उनका कई बार स्थानांतरण भी हुआ और कई बार वरिष्ठता सूची भी जारी हुई, लेकिन तब-तक दविंदर सिंह (परिवर्तित नाम ) को अपना नाम गलत होने का एहसास तक नहीं हुआ था। (Cm Yogi)

फिर अचानक 2011 में उनका नाम बदल दिया जाता है। इतना ही नहीं नाम बदलने के साथ-साथ उनकी जन्मतिथि भी 1954 से बदलकर 1964 कर दी जाती है। दविंदर सिंह (परिवर्तित नाम ) जन्मतिथि मामले में भी विभाग को ही दोषी मानते हैं। (Cm Yogi)

EXCLUSIVE: अभिलेखों में हेराफेरी के बाद वन निगम के इस DSM पर लटकी एक और फर्जीवाड़े की तलवार

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