एग्रीमेंट हुआ नहीं कि दौड़ उठी सीएम क्रिएटिव एजेंसी के करोड़ों रूपये के बैकडेट से भुगतान की फाइल

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लखनऊ। यूपी के सूचना महकमे ने सीएम क्रिएटिव एजेंसी के तौर पर क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड (Crayons Advertising Private Limited) का चयन किया। उसका एग्रीमेंट हाल ही में हुआ है और तुरंत बाद अब उसके भुगतान की फाइल दौड़ उठी है। यह प्रक्रिया संदेहास्पद है। महकमे के अंदर ही इसको लेकर खूब चटखारे लिए जा रहे हैं।crayons advertising

सूत्रों के मुताबिक 26 मई को सूचना विभाग ने क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड (Crayons Advertising Private Limited) को सीएम क्रिएटिव एजेंसी के रूप में चयनित किया। एजेंसी ने 15 जून के बाद काम करना शुरू किया। सूत्रों का कहना है कि अभी हाल ही में एजेंसी का एग्रीमेंट हो सका है। पर बैक डेट से भुगतान के लिए फाइल दौड़ा दी गई है। जानकारों के मुताबिक एजेंसी को कुल 2 करोड़ 32 लाख के तिमाही भुगतान की तैयारी चल रही है। आपको बता दें कि हम उस क्रिएटिव एजेंसी की बात कर रहे हैं। जिसके बनाए गए क्रिएटिव का सूचना विभाग की तरफ से प्रचार प्रसार में इस्तेमाल किया जाता है।

अकेले 30 फीसदी बिजनेस दूसरी एजेंसी को

महकमे में अब तक परम्परा रही है कि यह क्रिएटिव जो एजेंसी बनाती थी। उसे अकेले संबंधित क्रिएटिव वर्क से जुड़े बिजनेस का 30 फीसदी दिया जाता था। इसके उलट अब महकमे में क्रिएटिव बनाने वाली एजेंसी के बजाए एक दूसरी कम्पनी को 30 फीसदी बिजनेस अनिवार्यत: दिया जा रहा है। मजे की बात यह है कि क्रिएटिव वर्क क्रेयोन्स के द्वारा किया जाता है और उसकी जगह ओमनी मीडिया कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (Omni Media Communication Private Limited) को उस क्रिएटिव से जुड़े बिजनेस का 30 फीसदी दिया जा रहा है। नियम विरूद्ध हो रहे इस काम की महकमे में खासी चर्चा है।

राजस्थान में ब्लैकलिस्टेड है क्रेयॉन्स

वर्ष 2017 में करोड़ो रूपये के सरकारी विज्ञापन घोटाले को लेकर क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड (Crayons Advertising Private Limited) को राजस्थान सरकार ने काली सूची में डाल दिया था। यूपी के जलवेदार अफसरों को यही कम्पनी सबसे भरोसेमंद लगी। अब उसी कम्पनी का चयन सीएम क्रिएटिव एजेंसी के रूप में कर लिया गया है।

आपको बता दें कि क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड (Crayons Advertising Private Limited)  के मालिक अजय चोपड़ा राजस्थान में करोड़ों रूपये के विज्ञापन घोटाले के आरोपी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उन्हें वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया था और अपराध संख्या 407/2014 के तहत 420, 468, 467, 471, 474, 120 बी एंड पीसी एक्ट 13(2) की संगीन धाराओं में उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा। उस समय राजस्थान में भाजपा सरकार थी। चोपड़ा 2 मई से 31 जुलाई 2017 तक जेल में रहें। 31 जुलाई को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत को मंजूरी दी। उस दरम्यान राज्य में भाजपा सरकार थी।

वहीँ इस खबर का निदेशक सूचना ने संज्ञान ले लिया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि क्रेयॉन्स एडवरटाइजिंग के बैकडेट के इस फर्जी भुगतान को लेकर कार्रवाई होना तय है।

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