छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए फसल बीमा से जुड़ी इस वक्त एक नई जानकारी सामने आई है। जहां सावन में झमाझम बारिश के कारण अतिवृष्टि की मार झेल रहे किसानों के सामने अब एक नया संकट आन पड़ा है। जी हां, राज्य शासन द्वारा अधिसूचना को विलंब से जारी किए जाने के कारण प्रदेश के करीब 13 लाख किसानों को छह दिन के भीतर प्रधानमंत्री फसल बीमा करना होगा। इसमें राज्य शासन ने मंगलवार को जारी किए गए आदेश में तीन बीमा कंपनियों को प्रदेश के लिए चयनित किया। जहां कम समय होने के कारण कल से सोसायटी में किसानों की भीड़ उमड़ने की संभावना जताई जा रही है।
हालांकि बता दें कि हर साल 1 जुलाई से प्रधानमंत्री फसल बीमा की प्रक्रिया शुरू की जाती थी और 15 जुलाई तक किसानों से प्रीमियम राशि वसूलकर बीमा कर दिया जाता था। मगर इस साल राज्य शासन द्वारा अधिसूचना जारी नहीं किए जाने के कारण बीमा की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी और यही वजह है कि सोसायटी में पहुंचने वाले किसान बीमा के लिए भी पोर्टल में आवेदन की कोशिश कर रहे थे, मगर पोर्टल में एंट्री नहीं हो पा रही थी।
जानकारी के अनुसार बता दें कि अधिसूचना में लगातार हुए विलंब के बीच किसानों में संयम और नाराजगी की स्थिति भी निर्मित हो गई थी। इस बीच राज्य शासन के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के तहत किसानों को आगामी 31 जुलाई के भीतर बीमा कराने को कहा गया और यह बीमा कराने के लिए राज्य शासन द्वारा सिर्फ छह दिनों का समय दिए जाने से यह आशंका जताई जा रही है कि राज्य के 13 लाख किसानों में अफरा तफरी की स्थिति निर्मित होगी और कल से सोसाइटियों में किसानों की भीड़ जुटने की संभावना भी जताई जा रही है।
योजना के तहत किसान मुख्य फसल सिंचित और असिंचित धान सहित मक्का, सोयाबीन, अरहर, मूंग, कोदो, कुटकी, रागी और उड़द फसल का बीमा करा सकते हैं। जो फसल को प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, जल प्लावन, कीट व्याधि, ओलावृष्टि सहित प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से राहत दिलाने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऋणी व अऋणी किसान इस योजना के दायरे में शामिल हो सकते हैं।
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