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डेस्क. अंबाती रायडू ने वनडे टीम में जगह पक्की करने के साथ ही क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा कि वे अपना ध्यान वनडे और टी20 क्रिकेट में लगाना चाहते हैं, इसलिए प्रथमश्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं। प्रथमश्रेणी क्रिकेट से संन्यास का सीधा मतलब है कि उन्होंने टेस्ट टीम में आने की उम्मीद भी छोड़ दी है।

33 साल के अंबाती रायडू ने अपने पांच साल के इंटरनेशनल करियर में 45 वनडे और छह टी20 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्हें एक भी टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला। इस तरह यह भी कहा जा सकता है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने से पहले ही क्रिकेट के इस फॉर्मेट को अलविदा कह दिया है। वे अब रणजी ट्रॉफी में भी नहीं खेलेंगे।

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने वेस्टइंडीज से वनडे सीरीज के दौरान कई बार कहा कि अंबाती रायडू टीम इंडिया में नंबर-4 पर फिट हैं। उनकी बैटिंग स्टाइल और अप्रोच इस नंबर के उपयुक्त है। उन्हें अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप तक अंबाती रायडू को इस नंबर पर पूरा मौका दिया जाएगा। माना जा रहा है कि रायडू ने इसी भरोसे के बाद प्रथमश्रेणी क्रिकेट को अलविदा कहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक अंबाती रायडू ने शनिवार को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन को सूचित किया कि वे अपना ध्यान वनडे और टी20 क्रिकेट में लगाना चाहते हैं। उन्होंने एसोसिएशन को पत्र लिखा, ‘मैं अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर छोटे फॉर्मेट के मैच खेलना जारी रखूंगा। मैं बीसीसीआई, एचसीए, बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन और विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन को शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। हैदराबाद के लिए खेलना हमेशा ही सम्मान की बात रही है। जिस तरह का समर्थन मुझे यहां से मिला, मैं उसे कभी नहीं भूल सकता। इनमें मेरे साथ खेलने वाले खिलाड़ी, कोच और अधिकारी शामिल हैं।’

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