
पीएम मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रियों से कहा कि वे विपक्षी नेताओं द्वारा सनातन धर्म की आलोचना का कड़ा विरोध करें। लेकिन साथ ही भारत नाम को लेकर सामने आ रहे विवाद से भी दूर रहने की सलाह दी गई है। सूत्रों ने इस संबंध में सूचना दी है। जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले केंद्रीय मंत्रियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्गदर्शन दिया है।
मोदी ने मंत्रियों से कहा कि इस बड़े कार्यक्रम के दौरान मंत्री दिल्ली में ही रहें। साथ ही उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे वे ठीक से निभाएं ताकि दिल्ली आने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो। साथ ही मंत्रियों को भारत मंडपम और अन्य सभा स्थलों तक पहुंचने के लिए सरकारी वाहनों के बजाय शटल सेवाओं का उपयोग करना चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी ने मंत्रियों से कहा कि उन्हें उन्हीं लोगों से मिलना चाहिए जिन्हें जी-20 से जुड़े अलग अलग मुद्दों पर नियुक्त किया गया है और अपने बारे में बोलने से बचना चाहिए।
इस बीच डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के विरूद्ध दिए गए बयान से मचे सियासी विवाद पर मोदी ने कहा कि ऐसे बयान देने वाली पार्टियों और पार्टियों के नेताओं को बेनकाब किया जाना चाहिए। साथ ही सच्चाई लोगों के सामने लानी चाहिए। हजारों साल से चले आ रहे सनातन धर्म को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सकारात्मक बयान दिया है। मंत्री से विपक्षी नेताओं के बयानों का पुरजोर खंडन करने को भी कहा गया।
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