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2015 में The lancet नामक पत्रिका में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, दुनिया भर में कुल आबादी का लगभग ⅓ हिस्सा एनीमिया से ग्रसित है।एनीमिया अक्सर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के परिणामस्वरूप विकसित होता है जो शरीर के स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) के उत्पादन को रोकते हैं या इन कोशिकाओं के नष्ट होने का कारण बनती हैं। इस आर्टिकल में हम रक्ताल्पता के बारे निम्न प्रकार की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करेगे।

एनीमिया

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  • रक्ताल्पता क्या है (What is anemia)
  • रक्ताल्पता के लक्षण (Symptoms of anemia)
  • रक्ताल्पता के उपचार (Treatment of anemia)

रक्ताल्पता क्या है

रक्ताल्पता एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जब शरीर में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells or RBC) नहीं होती हैं।लाल रक्त कोशिकाएं आयरन (iron) और हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) से मिलकर बनती हैं, हीमोग्लोबिन एक प्रकार का प्रोटीन है जो रक्तप्रवाह के माध्यम से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का संचार करता है।

जब किसी के शरीर में रक्ताल्पता हो जाती है, तो उस स्थिति को “एनीमिक (Anemic)” कहा जाता है।

एनीमिक होने पर आप पहले की अपेक्षा अधिक थकान या ठंडक महसूस करते हैं और आपकी त्वचा बहुत पीली लगती है।त्वचा के पीले होने का कारण यह है कि अंगों को पर्याप्त आवश्यक ऑक्सीजन प्राप्त नहीं हो रही है।

Anemia meaning in hindi

रक्ताल्पता

एनीमिया कौन सी विटामिन की कमी से होता है

रक्ताल्पता आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 की कमी से होता है।

रक्ताल्पता के प्रकार

रक्ताल्पता कई प्रकार के होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से रक्ताल्पता निम्न प्रकार की होती है।

आयरन-डिफिशिएंसी एनीमिया (Iron-deficiency anemia)

रक्ताल्पता से पीड़ित ज्यादातर लोगो में यही सबसे ज्यादा पाया गया है। आकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में रक्ताल्पता से ग्रसित 50% लोगों में आयरन की कमी पाई गई है।जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह रक्ताल्पता मुख्य रूप से आयरन की कमी से होता है।आइए जानते हैं कि आखिर वे कौन कौन से कारण हैं जो आयरन की कमी के लिए उत्तरदायी होते हैं।

आयरन की कमी का मुख्य कारण

निम्न प्रकार के कारण आयरन की कमी के लिए उत्तरदाई हो सकते हैं।

  • शरीर में खून की भारी कमी।
  • कुछ ऐसी मेडिकल कंडीशन, जैसे: इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (Inflammatory bowel disease or IBD) होना जिसके कारण हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में आयरन का प्रयोग नहीं कर पाता।
  • रोज की निर्धारित मात्रा से कम मात्रा में आयरन का सेवन करना।

विटामिन-डिफिशिएंसी एनीमिया (Vitamin-deficiency anemia)

इस प्रकार की रक्ताल्पता मुख्य रूप से गलत खान पान या कुपोषण की वजह से होती। यह ज्यादातर विकासशील देशों में पाई जाती है।जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह कुछ विशेष प्रकार के विटामिन (जैसे: विटामिन बी12 या फोलिक एसिड) की कमी से होता है।

परनीशियस एनीमिया (Pernicious anemia)

इस प्रकार की रक्ताल्पता भी विटामिन बी12 की कमी के कारण होती है।परनीशियस एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति में इंट्रिंसिक फैक्टर (Intrinsic factor) नामक प्रोटीन की कमी हो जाती है।इंट्रिंसिक फैक्टर हमारे पेट मे पाया जाता है और विटामिन बी12 के अवशोषण (Absorption) के लिए उत्तरदाई होता है।

इस प्रकार की रक्ताल्पता में पीड़ित रोगी के पेट में इंट्रिंसिक फैक्टर की कमी हो जाती है जिससे विटामिन बी12 का अवशोषण नहीं हो पाता तो बिना अवशोषण के चाहे हम जितनी भी मात्रा में विटामिन बी12 का सेवन करें उसका शरीर को कोई लाभ नहीं है।

हेमोलिटिक एनीमिया (Hemolytic anemia)

हेमोलिटिक शब्द हीम+लाइटिक (Haem+lytic) अब हीम शब्द का मतलब होता है, रक्त कोशिका और लाइटिक का मतलब होता है, टूटना या नष्ट होना, तो इस प्रकार की रक्ताल्पता में हमारी रक्त की कोशिकाये शरीर के रक्त कोशिका के निर्माण से जल्दी नष्ट होती जाती हैं, इससे ही शरीर में रक्त की कमी हो जाती है।

अब रक्त कोशिकाओ के नष्ट होने के कारण भी कुछ होगे, तो चलिए पता करते हैं कि आखिर ऐसी कौन कौन सी वजहें भी जिससे रक्त कोशिकाये नष्ट हो जाती है।

  • शरीर में किसी प्रकार की ऑटोइम्यून प्रक्रिया (Autoimmune activity) होना।
  • कुछ आनुवंशिक मेडिकल कंडीशन होना जैसे: थैलेसीमिया (Thalassemia) या सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia)
  • कुछ विशेष प्रकार की दवाओं, जैसे: पेनिसिलिन (Penicillin) का साइड इफेक्ट होना।
  • मलेरिया या पीलिया (Jaundice) जैसे रोग होना जिसमे शरीर ने लाल रक्त कोशिकाए बन ही नहीं पाती।

अपलास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia)

हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाए बोन मैरो (Bone marrow) की स्टेम सेल (stem cells) द्वारा बनाई जाती है, अब इस प्रकार की रक्ताल्पता में क्या होता है कि हमारी बोन मैरो किसी विशेष कारण से लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन नहीं कर पाती है।

रक्ताल्पता के लक्षण

अगर आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी है तो आपको निम्न प्रकार के लक्षण दिख सकते हैं।

  • थकान महसूस होना
  • चक्कर आना
  • खड़े होने पर या काम करने पर सब कुछ घूमता हुआ नजर आना
  • सर दर्द होना
  • सांस लेने में दिक्कत होना
  • त्वचा, नाखून और मसूड़ों का पीला हो जाना
  • हाथ और पैर हमेशा ठंडे रहना
  • कभी कभी सीने में दर्द होना
  • जीभ में सूजन होना
  • नाखूनों का कमजोर हो जाना
  • पीलिया हो जाना

रक्ताल्पता के उपचार

सामान्यत: रक्ताल्पता अपना खान पान सुधार लेने से ठीक हो जाती है क्योंकि मुख्य रूप से रक्ताल्पता विटामिन बी12, फोलिक एसिड और आयरन की ही कमी से होती है।अगर शरीर इंट्रिसिक फैक्टर की कमी की वजह से विटामिन बी12 का अवशोषण नहीं कर पा रहा तो विटामिन बी12 के इंजेक्शन दिए जाते हैं।

अगर बोन मैरो से लाल रक्त कोशिकाओं का पर्याप्त उत्पादन हो तो रहा हो लेकिन उतने ही जल्दी लाल रक्त कोशिकाये नष्ट भी हो जा रही हों तो इस स्थिति में डॉक्टर एरिथ्रोपॉयसिस स्टीमुलेटिंग एजेंट (Erythropoiesis-stimulating agent) का प्रयोग करके लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन की गति को दुगुना कर देते हैं।

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