हिंदुस्तान के विरूद्ध चीनी नापाक करतूतों की एक मर्तबा फिर से पोल खुली है। सन् 2020 में हिंदुस्तान को बॉर्डर विवाद में उलझाकर चीन LAC पर अपने बुनियादी ढांचों को मजबूत कर रहा था। दरअसल, चीन बार्डर पर चुपके चुपके जाल बना रहा है।
तो वहीं यूएसए की रक्षा एजेंसी ने अपनी नई रिपोर्ट में खुलासा किया है कि ड्रैगन ने सन् 2020 में हिंदुस्तान के साथ सीमा विवाद के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के बहुत अधिक दूर वाले इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क का तार बिछा दिया। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जब पूरा विश्व कोविड-19 आपदा के विरूद्ध जंग लड़ रही थी, हिंदुस्तान बॉर्डर विवाद में उलझा था तब, ड्रैगन अपनी तैनाती पर जोर दे रहा था।
तो वहीं एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि सन् 2020 में चीन और हिंदुस्तान के बीच बॉर्डर पर हुए गतिरोध के दौरान ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी PLA ने पश्चिमी हिमालय के दूरदराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क स्थापित किया है ताकि कम्यूनिकेशन में तेजी आ सके और बाहरी इंटरसेप्शन से सुरक्षा को बढ़ाया जा सके।
आपको बता दें कि बुधवार को जारी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस सेटअप से चीन को बड़ा लाभ मिला है। इस सेटअप से ड्रैगन को रीयल टाइम आईएसआर (इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉनिसन्स) में सहायता मिलेगी।