
कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार के गठन का भी एक सप्ताह भी नहीं हुआ था कि कांग्रेस ने एक बार फिर मंत्रालय में फेरबदल किया है। ताजा फेरबदल में सीएम सिद्धारमैया ने वित्त मंत्री, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग, इंटेलिजेंस और सूचना को अपने पास रखा है। इसके अलावा वैसा भी विभागों जो अभी तक किसी को सौंपे नहीं गए हैं उनको भी अपने पास ही रखा है।
इसके साथ ही काँग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे को विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उनके पास ग्रामीण विकास और पंचायतीराज पहले से ही था।
आपको बता दें कि प्रियांक खरगे सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार में आई थी तो उनके बेटे मंत्री थे। इसी तरह पाटिल को बुनियादी ढांचे का विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उनके पास बड़े मध्यम उद्योग विभाग का दायित्व पहले से ही था। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन दोनों विभागों से खुद को अलग कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक शुरुआत में एम बी पाटिल को इंडस्ट्री के साथ आईटी और बीटी पोर्टफोलियो दिया गया था।
हालांकि बाद के संशोधन में यह विभाग ग्रामीण विकास और पंचायत राज के साथ के पास गया। इसके बाद पाटिल ने इस विभाग में अपनी दिलचस्पी दिखाई थी। इस पर उनके इस कदम का विरोध करते हुए सिद्धारमैया ने पोर्टफोलियो को अपने पास ही रखा था। अब उन्होंने इसे प्रियांक खरगे को दे दिया है।
इससे पहले जीत के बाद शुरुआत में सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिव कुमार सहित दस मंत्रियों ने शपथ ली थी। इसके बाद शनिवार सत्ताईस मई को कर्नाटक में शनिवार को कैबिनेट विस्तार किया गया। कांग्रेस की ओर से चौबीस और विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इन विधायकों की शपथ लेने के बाद कर्नाटक सरकार की कैबिनेट में कुल मंत्रियों की संख्या चौंतीस पहुँच गयी थी।
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