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भारतीय रेलवे भारत की सबसे बड़ी और आधुनिकतम रेल नेटवर्क है। इसे "आकाश गंगा" भी कहा जाता है। भारतीय रेलवे देश के सभी कोनों तक लगभग 1,25,000 किलोमीटर की रेल लाइन के माध्यम से जुड़ा हुआ है। तो वहीं ट्रेन के जरिए रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं।

हालाँकि, कुछ चीजें हमारी आँखों के सामने होते हुए भी हम उन पर ध्यान नहीं देते हैं या उनके बारे में सोचते नहीं हैं, हम उन्हें समझने की कोशिश नहीं करते हैं। इसी तरह रेलवे के अलग-अलग डिब्बों पर अलग-अलग कलर की पट्टियां होती हैं, इनका क्या मतलब होता है? क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? आईये जानते हैं।

भारतीय रेल यात्रियों की यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए कई कदम उठाती है। यही वजह है कि रेलवे के डिब्बों पर अलग-अलग रंग की पट्टियां दी जाती हैं। मगर रेलवे पर दी गई लाल, पीली और सफेद धारियों का वास्तव में क्या मतलब है? बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं।

लाल और नीले डिब्बों पर पीली धारियां -

ट्रेन के लाल और नीले रंग के डिब्बों पर पीली धारियों का निशान होता है। इससे साफ होता है कि ये कोच विकलांग और बीमार या अस्वस्थ यात्रियों के लिए भी हैं।

नीले रंग पर सफेद धारियां -

नीले रंग के रेलवे कोचों पर सफेद धारियां होती हैं, जो विशेष ट्रेन के गैर-आरक्षित द्वितीय श्रेणी के डिब्बे को इंगित करती हैं। इन पट्टियों से यात्रियों को सामान्य डिब्बे खोजने में आसानी होती है।

ग्रे रंग के डिब्बे पर हरी और लाल धारियां -

यदि किसी ट्रेन के ग्रे रंग के कोच में हरे रंग की पट्टियां हैं तो इसका मतलब है कि कोच महिलाओं के लिए आरक्षित है। साथ ही यदि ग्रे रंग के कोच पर लाल रंग की पट्टी है, तो इसका मतलब है कि वे ईएमयू/एमईमू ट्रेनों के प्रथम श्रेणी के डिब्बे वाले कोच हैं.

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