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एक तरफ जहां विश्व भर कोविड-19 और मंकीपॉक्स जैसी भयानक बीमारी से उबर रही है, वहीं एक और जानलेवा वायरस ने दस्तक दे दी है। इस वायरस का नाम क्रीमियन-कांगो हैमरेजिक फीवर है और वैज्ञानिकों के मुताबिक इस वायरस से संक्रमित मरीज को मौत का खतरा सबसे ज्यादा होता है। मालूम हो कि निरंतर जलवायु परिवर्तन के कारण यह वायरस फैल रहा है।

इस क्रीमियन-कांगो वायरस के पहले मामले यूके और फ्रांस में सामने आए हैं। यह वायरस जानवरों में पाया जाता है। जानवरों का मांस खाने से भी इसका संक्रमण इंसानों में फैल रहा है। इस वायरस पर कैसे काबू पाया जाए, इस पर अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। वैज्ञानिक इसका टीका खोजने में लगे हैं।

क्रीमियन-कांगो वायरस की बात करें तो इसके लक्षण फ्लू जैसे हैं। कई लोगों में गले में खराश और उल्टी, आंखों में दर्द या जलन हो सकती है। डेंगू की तरह, यह बुखार अंग विफलता का कारण बन सकता है। ऐसे में मरीज की मौत का खतरा बना रहता है।

कितना खतरनाक है वायरस?

महामारी विशेषज्ञ ने कहा, यह वायरस नया नहीं है। पूरी दुनिया में अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं। यह मामला भारत में भी सामने आया है। यह खतरनाक वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। भारत में इस वायरस के ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं।

सबसे पहले 1944 में इस वायरस का पहला मामला क्रीमिया में पाया गया था। इस वायरस के संक्रमण के बाद मरीज की मृत्यु दर 40 फीसदी है. जो कोविड से कई गुना ज्यादा है। WHO के मुताबिक, यह वायरस जानवरों में टिक नामक कीड़ों से फैलता है। इस कीड़े के काटने से जानवर इस वायरस से संक्रमित हो गए थे।

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