img

यूपी किरण डेस्क। भारत ने इस्लामोफोबिया को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNO) में पाकिस्तान की ओर से पेश और चीन द्वारा सह-प्रायोजित प्रस्ताव से खुद को अलग कर लिया। UNO में भारत ने कहा कि केवल एक धर्म के बजाय हिंदू, बौद्ध, सिख समेत अन्य धर्मों के खिलाफ धार्मिक भय की व्यापकता को भी स्वीकार किया जाना चाहिए। इस दौरान UN में पाकिस्तान ने अयोध्या के राम मंदिर का जिक्र किया तो भारत ने इसपर सख्त इतराज जताया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को पाकिस्तान ने दुनिया में बढ़ रहे इस्लामोफोबिया का मसला उठाया। पाकिस्तान ने UN महासभा में ‘इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय’ शीर्षक से एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव के सर्थन में 115 देशों ने मतदान किया। भारत समेत ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूक्रेन और ब्रिटेन आदि 44 देश इस पर मतदान से दूर रहे। ध्यातव्य है कि किसी भी सदस्य देश ने UN में इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया।

प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस्लामोफोबिया और कट्टरता के प्रसार के लिए सोशल मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया में  मुस्लिम विरोधी नफरत और कट्टरता की बढ़ती लहर देख रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नफरती विचारधाराओं की उत्पत्ति स्थल बन गए हैं। भारत ने पकिस्तान और चीन प्रायोजित इस प्रस्ताव से दूरी बनाते हुए कहा कि केवल एक धर्म के बजाय हिंदू, बौद्ध, सिख और हिंसा का सामना करने वाले अन्य धर्मों के खिलाफ ‘धार्मिक भय’ की व्यापकता को स्वीकार किया जाना चाहिए।

चर्चा के दौरान पाकिस्तान के राजदूत ने अयोध्या स्थित राम मंदिर का जिक्र किया तो भारत ने इस पर सख्त इतराज जताया। UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने यहूदी-विरोध, ईसाईफोबिया और इस्लामोफोबिया से प्रेरित सभी कृत्यों की निंदा करते हुए कहा कि यह स्वीकार करना जरूरी है कि इस तरह का फोबिया अब्राहिमी धर्मों से परे भी फैला हुआ है।

कंबोज ने कहा कि इस्लामोफोबिया का मुद्दा जरूर अहम है ,लेकिन हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि अन्य धर्म भी भेदभाव और हिंसा का सामना कर रहे हैं। कंबोज ने कहा कि यह स्वीकार करना जरूरी है कि दुनिया में हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म के अनुयायी धार्मिक पूर्वाग्रह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। रुचिरा कंबोज ने कहा कि हमे एक धर्म के बजाय सभी धर्मों के प्रति धार्मिक पूर्वाग्रह की व्यापकता को स्वीकार करना चाहिए।

UN में पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह और नागरिकता संशोधन अधिनियम ( CAA ) कार्यान्वयन का मुद्दा उठाया। रुचिरा कंबोज ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मेरे देश से संबंधित मामलों पर पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के सीमित व गुमराह दृष्टिकोण से रूबरू होना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। 

--Advertisement--