अशोक सिंहल श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन के प्राण थे, उन्होंने सम्पूर्ण हिन्दू समाज को झकझोर कर जगाया…आलोक कुमार

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नई दिल्ली, 27 सितम्बर, यूपी किरण विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है। कि अशोक सिंहल श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन के प्राण थे। उन्होंने सम्पूर्ण हिन्दू समाज को झकझोर कर जगाया, और संगठित किया तथा एक मजबूत संघर्ष का नेतृत्व किया। वे संतों में भी आदरणीय थे। आपको बता दे श्रीराम जन्मभूमि पर जो मंदिर एक राष्ट्र मंदिर के रूप में बन रहा है उसकी नींव की ईंट के रूप में उन्हें सदैव स्मरण किया जाएगा।  आलोक कुमार रविवार को विहिप मुख्यालय में अशोक सिंहल की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम को विहिप उपाध्यक्ष तथा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने भी संबोधित किया। चम्पत राय ने कहा कि यूं तो अशोक जी रज्जू भैया के सम्पर्क द्वारा 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बनते ही समाज जीवन में उतर चुके थे किन्तु उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ 1981 के वोट क्लब दिल्ली की ‘विराट हिन्दू समाज’ नामक विशाल आयोजन के बाद आया। 1982 में संयुक्त महामंत्री के रूप में विहिप में पदार्पण के साथ ही उन्होंने देशभर में एकात्मता यात्राओं के माध्यम से हिन्दू समाज का जागरण प्रारम्भ किया। तत्पश्चात श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के विविध चरणों, रामसेतु रक्षा, गौ, गंगा, मठ-मन्दिर, धर्म ग्रन्थ तथा संतों के सम्मान के लिए अनवरत संघर्ष किया। अपने वैचारिक विरोधियों से भी उनके मधुर सम्बन्ध थे।

वे दृढ़ निश्चयी तथा प्रखर व्यक्तित्व के धनी थे।  दक्षिणी दिल्ली स्थित विहिप मुख्यालय में रविवार को प्रात: 11 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में विहिप की केन्द्रीय प्रबंध समिति के सदस्य दिनेश चन्द्र, केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री स्वामी विज्ञानानंद और कोटेश्वर शर्मा, केन्द्रीय मंत्री प्रशांत हरतालकर, खेमचंद शर्मा तथा जुगल किशोर सहित अनेक गणमान्य लोगों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

 

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