जुलाई की इस तारीख को मनाई जाएगी बकरीद, जानिए इस दिन क्यों की जाती है कुर्बानी

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इस्लाम धर्म में ईद का त्योहार बहुत खास माना जाता है। साल में ईद दो मर्तबा आती है, एक बार मीठी ईद और इसके बाद बकरीद। मीठी ईद को Eid-ul-Fitr बोला जाता है, जबकि बकरीद को बकरा ईद, Eid-Ul-Zuha या Eid al-Adha बोला जाता है। रमजान के पश्चात् मीठी ईद मनाई जाती है जिसमें सेवइयां खाने का चलन है, जबकि ईद-उल-अजहा पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है।

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अबकी बार बकरीद 2021 20 या 21 जुलाई 2021 मतलब मंगलवार/बुधवार को पड़ेगी। ये संभावित दिनांक है क्योंकि वास्तविक दिनांक की घोषणा बकरीद का चांद दिखने के पश्चात् ही होगा। ईद-उल-अजहा को पूरी दुनिया में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग मनाते हैं। बकरीद में भी लोग मीठी ईद की तरह सवेरे नमाज अदा करते हैं, इसके बाद आपस में गले मिलकर एक दूसरे को बकरीद की शुभकामनाएं देते हैं। मगर जब से कोरोना काल की शुरूवात हुई है, तब से मुस्लिम लोग गले नहीं मिले और सामाजिक दूरी का पालन किया।

ये है मान्यता:-

ईद-उल-अजहा को कुर्बानी का दिन बोला जाता है। इसको लेकर एक कहानी प्रचलित है। बोला जाता है कि हज़रत इब्राहिम अलैय सलाम की कोई औलाद नहीं थी। बहुत मन्नतें मांगने के बाद उन्हें एक पुत्र इस्माइल प्राप्त हुआ जो उन्हें बहुत प्रिय था। इस्माइल को ही आगे चलकर पैगंबर नाम से जाना जाने लगा।

एक दिन इब्राहिम को ईश्वर ने ख्वाब में बोला कि उन्हें उनकी सबसे प्रिय चीज की कुर्बानी चाहिए। इब्राहिम समझ गए कि अल्लाह उनसे उनके पुत्र की कुर्बानी मांग रहे हैं। अल्लाह के आदेश के आगे वे अपने जान से प्यारे बेटे की बलि देने को भी तैयार हो गए। वही कुर्बानी देते वक़्त इब्राहिम ने आंखों पर पट्टी बांध ली जिससे उनकी ममता न जागे।

जैसे ही उन्होंने खंजर उठाया, वैसे ही फरिश्तों के सरदार जिब्रील अमीन ने बिजली की रफ़्तार से इस्माइल अलैय सलाम को छुरी के नीचे से हटाकर एक मेमने को रख दिया। जब इब्राहिम ने अपनी पट्टी हटाई तो देखा कि इस्माइल खेल रहा हैं और मेमने का सिर कटा हुआ है। तभी से इस त्यौहार पर जानवर की कुर्बानी का सिलसिला शुरू हो गया।

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