जोधपुर निवासी आरोपी पति ने उच्च न्यायालय जोधपुर के समक्ष गुहार लगाई। उसने कहा कि कि वह ब्यूटी पार्लर का संचालक है। उसका परिचय ब्यूटी पार्लर का कार्य करने वाली एक लडक़ी से था। उसने व लडक़ी ने आपसी रजामंदी से 14 दिसम्बर 2020 को आर्य समाज जोधपुर में विवाह किया। जिसके बाद सामाजिक रीति रिवाज से और कॉविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए गृह प्रवेश करवाया। विवाह के 15 दिन बाद लडक़ी अपने पिता के साथ पीहर चली गई और 1 जनवरी 2021 को चौपासनी हाउसिंग बोर्ड जोधपुर थाने में जाकर गलत कार्य (Rape) होने की एफआईआर दर्ज करवाई। जो धारा 376 आईपीसी के तहत दर्ज की गइ। पुलिस ने जांच शुरू कर लडक़ी के बयान न्यायालय में दर्ज करवा दिए।
तब याची ने उच्च न्यायालय जोधपुर की शरण ली। अपनी याचिका में उसने निवेदन किया है कि याची द्वारा लडक़ी से हिंदू धर्म के अनुसार विधिवत आर्य समाज में विवाह किया गया। दोनों विशेष विवाह अधिनियम के तहत जिला कलेक्टर जोधपुर के समक्ष भी उपस्थित हुए है। दोनों ने आपसी रजामंदी से विवाह किया है। विवाह के कुछ दिन बाद ही लडक़ी ने अपने पिता के साथ जाकर झूठी एफआईआर (Rape) दर्ज करवा दी। याची की पत्नी ने अपने पिता व परिवार के सदस्यों के दबाव में आकर झूठी एफआईआर दर्ज करवाई है। जबकि दोनों विवाह से पूर्व परिचित है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का पक्ष सुनकर राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा याचिका ग्रहण कर, नोटिस जारी कर, आठ सप्ताह पश्चात सूचीबद्ध करने के आदेश दिए है।