धोनी अपने कूल अंदाज और हारी बाजी को पलटने के लिए जाने जाते हैं। दुनिया भर में उनकी चालक भरी कप्तानी ने सबका दिल जीता है। तो वहीं जब तक धोनी टीम इंडिया के लिए खेते तब तक कई विकेटकीपर के लिए टीम में रहना बहुत मुश्किल हो गया है। आज हम आपको बताएंगे उन विकेटकीपर्स के बारे में, जो कैप्टन कूल के चलते टीम में अपनी जगब पक्की नहीं कर पाएं औऱ दो ने तो ना चाहते हुए रिटायरमेंट ले लिया।
पहला क्रिकेटर- पार्थिव पटेल ने 2002 में इंग्लैंड के विरूद्ध टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। उस वक्त वह सिर्फ 17 वर्ष के थे और वह इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले सबसे कम उम्र के विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए। महेंद्र सिंह धोनी से पहले पटेल टीम में आए थे, मगर अपनी बेकार लय के चलते वे कभी भी टीम में स्थाई जगह नहीं बना पाए। इन्होंने रिटायरमेंट ले लिया।
दूसरा क्रिकेटर- क्या आप कभी सोच सकते हैं कि रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक शिकार करने का रिकॉर्ड रखने वाला विकेटकीपर भी भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर हो सकता है। नमन ओझा को हमेशा चयनकर्ताओं ने इग्नोर किया। माही को हमेशा इस खिलाड़ी पर तरजीह दी गई। जब नमन कई वर्षों के लिए इंडिया से बाहर थे तो उन्होंने फरवरी 2021 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
दिनेश कार्तिक को चयनकर्ताओं द्वारा कभी भी उतने मौके नहीं दिए गए जितने माही को उनके करियर की शुरुआत में दिए गए थे। कार्तिक का करियर हमेशा माही के साये में छिपा रहता था। एमएस के विराट खेल के सामने इस बल्लेबाज के प्रदर्शन को हमेशा इग्नोर किया गया। एमएस की वजह से दिनेश कभी भारत में अपनी स्थायी जगह नहीं बना पाए और वो हमेशा टीम से अंदर-बाहर होते रहे। ऐसे में डीके ने अभी संन्यास की घोषणा नहीं की है।